त्रिफला चूर्ण के फायदे एवं नुकसान जानकर हैरान हो जाएंगे आप triphala ke fayde (5 Best Tips)

क्या आप जानते है की त्रिफला एक प्राकृतिक औषधि है जो भारतीय आयुर्वेद में वर्षो से उपयोग की जाती है। अधिकतर लोग त्रिफला का उपयोग कब्ज को दूर करने में करते है। लेकिन ये कब्ज को दूर करने के साथ साथ अनेक ऐसी समस्याओ का समाधान करता है जो आपको पता भी नहीं है। हम आपको इस आलेख में triphala ke fayde और नुकसान के बारे में बताएंगे और त्रिफला से आप कैसे अपने शरीर को स्वस्थ्य रख सकते है।

triphala ke fayde
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त्रिफला क्या है:

त्रिफला चूर्ण एक प्राकृतिक औषधि है जो भारतीय आयुर्वेद में प्रयोग की जाती है। संस्कृत शब्द में त्रिफला का शाब्दिक अर्थ है “तीन फल” यानी कि जिसमे तीन फल होते है। इन तीन फलो का नाम आंवला, हरड़ और बहेड़ा है। इन तीनों फलों को पहले सुखाया जाता है और फिर इनका चूर्ण बनाकर तैयार किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि त्रिफला खाने से पेट की अनेक समस्याओ का समाधान होता है। इसके अलावा, यह शरीर को ताकत देता है, शरीर को विषाक्त करता है यानी शरीर की गंदगी को साफ़ करता है और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। तो आइये जानते है त्रिफला के फायदे क्या होते है।

त्रिफला चूर्ण के फायदे (triphala ke fayde):

त्रिफला एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक रासायनिक फ़ार्मुला है। त्रिफला चूर्ण उन आयुर्वेदिक दवाओं में से एक है जो पाचन तंत्र को सुधारने, बीमारियों को ठीक करने और शरीर को शुद्ध करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके कुछ फायदे होते है जो आपकी बहुत सी समस्याओ को दूर करते है-

भूख को बढ़ाने में:

अगर आप नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण का सेवन करते है तो सबसे पहले आपका पाचन सही हो जाता है। ये आपके पाचन तंत्र को ही नहीं ठीक करता है बल्कि यह आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी साफ करता है, जिससे आपकी भूख बढ़ जाती है और खाना भी अच्छे से पचने लगता है। ये भूख बढ़ाने के साथ साथ आपकी सेहत को कई और तरह की दिक्कतों से भी बचाता है।

अल्सर को ठीक करने में:

त्रिफला चूर्ण का नियमित सेवन से अल्सर और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं ठीक हो सकती हैं। अल्सर एक तरह की घातक बीमारी होती है जिससे पेट के अंदर के कुछ हिस्से में घाव बन जाते हैं। त्रिफला में मौजूद आँवला, हरड़ और बहेड़ा होता है जो आंतों के स्वस्थ फंक्शन को बढ़ाने में लाभदायक होता है और अल्सर की बीमारी को भी ठीक करने में मदद्गगार होता हैं। अल्सर का यदि सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह आंतों में कैंसर का कारण भी बन सकता है।

इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होना:

त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से शरीर का इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है। इम्यून सिस्टम शरीर की महत्वपूर्ण प्रणालियों में से एक है। अगर इम्यून सिस्टम ही अच्छा नहीं होगा तो शरीर में अनेक रोग अपना घर बनाने लगते है। त्रिफला चूर्ण एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसमे पाए जाने वाले विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और अन्य ऊर्जा देने वाले तत्व इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते है।

मोटापा कम करने के लिए:

त्रिफला एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। मोटापा को कम के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग सबसे अच्छा उपाए है। इस चूर्ण में पाए जाने वले तीनो फल आपके मोटापे को कम करते है। त्रिफला का सेवन करने से आपकी पाचन शक्ति अच्छी होती है। जब भी आप खाना खाते हो तो आपका सारा खाना आसानी से पच जाता है जो वजन कम करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। आप त्रिफला का सेवन भोजन करने के बाद गर्म पानी के साथ कर सकते है ।

आंखों के लिए फायदेमंद:

त्र‍िफला चूर्ण का उपयोग करने से आपकी आंखों की कमजोरी दूर होती है और इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। त्रिफला चूर्ण में विटामिन C, विटामिन A और अन्य महत्वपूर्ण तत्व होते हैं जो नेत्रों के लिए फायदेमंद होते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व आंखों को स्वस्थ रखते हैं जो आंखों के घावों, सूजन और अन्य संक्रमणों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

मुंह की समस्या में:

मुंह की समस्याओं में त्रिफला चूर्ण बहुत फायदेमंद होता है। त्रिफला चूर्ण का उपयोग करने से पाचन तंत्र सही होता है और मुंह में बैक्टीरिया के विकास को रोकता है। इसके आलावा यह आपके मसूड़ों की समस्याएं, मुंह के छाले, आदि समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है। त्रिफला चूर्ण आपके मुंह की स्वस्थता को भी बनाए रखता है।

कब्ज के लिए फायदेमंद:

त्रिफला चूर्ण कब्ज के लिए बहुत ही असरदार घरेलू उपाय है। त्रिफला चूर्ण में ऐसे प्राकृतिक तत्व पाए जाते है जो शरीर की आंतों की मांसपेशियों को मजबूत बनाते है और इसके साथ आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। त्रिफला का नियमित रूप से सेवन करने से कब्ज , पेट दर्द और पेट फूलना आदि समस्याओ को कम किया जा सकता है, और आपको अपने फिटनेस को सही रखने में भी मदद मिलेगी।

खून साफ करने में त्रिफला का उपयोग :

त्रिफला लीवर से विषाक्त पदार्थों को बहार निकालता है और कोलन को डिटॉक्सीफाई और साफ करने में मदद करता है। इसलिए त्रिफला चूर्ण आपके खून को साफ करने में बहुत अच्छा होता है। यह आपके शरीर के रक्त संचार को बढ़ाता है जो अपने आप में ही खून साफ करता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में:

त्रिफला एक ऐसी प्राकृतिक औषधि है जो शरीर को संतुलित रखने में मदद करती है और आपके पाचन को बेहतर करती है। त्रिफला चूर्ण में एंटीऑक्सीडेंट ,विटामिन सी, टैनिन, फिनोल और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते है। त्रिफला चूर्ण अमलकी, हरीतकी और बहेड़ा का मिश्रण होता है, जो अलग-अलग रोग प्रतिरोधक तत्वों से भरपूर होते हैं।

त्वचा के लिए फायदेमंद:

त्रिफला एक ऐसी औषधि है जिसे आयुर्वेदिक औषधियों में काफी महत्व दिया गया है। त्रिफला में मौजूद एंटी एजिंग प्रॉपर्टीज स्किन को झुर्रियों से बचाने में सहायता प्रदान करती हैं। इसलिए यह आपकी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है और त्वचा को मुलायम, चिकना, और हाइड्रेटेड बनाता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है, जो त्वचा को फिर से उज्जवल और चमकीला बनाता है और त्वचा की समस्याओ को दूर करता है।

गठिया विरोधी के रूप में:

गठिया एक प्रकार का रोग है जो जोड़ों में ,दर्द और सूजन के साथ होता है। त्रिफला चूर्ण गठिया में बहुत उपयोगी होती है। इसमें मौजूद विटामिनों और खनिजों जैसे पोषक तत्व होते है जो गठिया जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। और इस रोग से होने वाली थकान और बेचैनी को भी कम करने में सहायक होते है।

चर्म रोग दूर करें:

त्रिफला चूर्ण एक प्राकृतिक उपचार है। त्रिफला चूर्ण में अमला, हरड़ और बहेड़ा का मिश्रण होता है जो त्वचा के रोगों को ठीक करने में मदद करता है जैसे – दाद, खाज, खुजली, फोड़े-फुन्सी आदि की समस्या को राहत पहुंचाता है। त्रिफला चूर्ण शरीर में अम्ल का स्तर बढ़ाता है जो त्वचा के रंग को निखारने में मदद करता है।

दांतों के स्वास्थ्य के लिए:

त्रिफला चूर्ण आपके दांतों के स्वास्थ्य के लिए एक उत्कृष्ट आयुर्वेदिक उपाय है। यह दांतों की समस्याओं से निजात पाने में मदद करता है और मुंह के रोगों को दूर करने में मदद करता है। इसमें मौजूद विभिन्न जड़ी बूटियों के गुण होते है जो आपके दांतों को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। त्रिफला चूर्ण करने से दांतों के कीड़ों भी मरते है जो दांतों की सफाई के लिए बहुत ज़रूरी है।

कोलेस्ट्रॉल को कम करने में:

आवश्यक्ता से अधिक कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। triphala चूर्ण कोलैस्ट्रोल को कम करने के लिए बहुत ही अच्छा उपाय है। इसमे मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करते हैं। त्रिफला चूर्ण का उपयोग करने से लिवर की कार्यक्षमता भी बढ़ती है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है।

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त्रिफला चूर्ण के नुकसान:

पूरी दुनिया में ऐसी कोई चीज नहीं है की जिसका सिर्फ फायदा ही फायदा हो। अगर किसी चीज का फायदा होता है तो उसके कुछ नुक्सान भी होते है। वैसे तो सभी जानते है की त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में जानी जाती हैं और बहुत सी बीमारियों को ठीक करने में भी काम आती है। लेकिन अगर आप त्रिफला चूर्ण का उपयोग अधिक मात्रा में करते है तो आपकी बीमारी ठीक होने की वजह बढ़ भी सकती है। जिससे आपको और ज्यादा परेशानी हो सकती है। आइये जानते है त्रिफला चूर्ण के नुकसान –

पाचन संबंधी समस्याएं:

त्रिफला चूर्ण पाचन सम्बन्धी समस्याओ को ठीक करने में मदद तो करता है लेकिन अगर आप इसका सेवन अधिक मात्रा में करते है तो आपके पाचन को बिगड़ने में समय नहीं लगता। आपको पेट में भारी पन, एसिडिटी, पेट में तेज दर्द जैसी समस्याये हो सकती है। अगर यदि आपको अपच या उल्टी जैसी समस्या है तो आपको त्रिफला चूर्ण का सेवन नहीं करना चाहिए।

एलर्जी की समस्या:

यदि आपके शरीर में किसी भी प्रकार की एलर्जी या उत्तेजना होती है तो आपको त्रिफला चूर्ण का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योकि त्रिफला चूर्ण में कुछ ऐसे पोषक तत्व होते है जो आपकी एलर्जी को बढ़ा सकते है।

बच्चों और गर्भवती महिला:

गर्भवती महिला को त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि त्रिफला चूर्ण की तासीर गर्म होती है और गर्भावस्था में गर्म चीजों का सेवन गर्भपात का कारण भी हो सकता है। जो महिलायें शिशु को स्तनपान कराती हैं, उन्हें भी त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से बच्चे को दस्त लग सकते हैं।

डायरिया:

त्रिफला चूर्ण का अधिक सेवन से आपको डायरिया भी हो सकता है। कुछ मामलों में इससे शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है। कुछ दवाओं के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन उचित नहीं माना जाता है और इससे भी डायरिया हो सकता है।

लो ब्लड प्रेशर:

त्रिफला चूर्ण एक पुरानी आयुर्वेदिक औषधि है जो शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। अधिक मात्रा में इसका उपयोग करने से लो ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो सकती है। आपको चक्कर आना, थकान और सुस्ती का अनुभव हो सकता है। इसलिए इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले।

पेट की बीमारियां:

त्रिफला चूर्ण पेट की बीमारियों को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक दवा है। लेकिन इसका ज्यादा सेवन करने से पेट में गर्मी पैदा हो सकती है और पेट में दर्द भी हो सकता है। त्रिफला का ज्यादा चूर्ण खाने से पेट संबंधी बीमारियों जैसे अल्सर, एसिडिटी, जलन आदि होने की संभावना होती है। इसके अलावा दस्त लग सकते है और पेट में ज्यादा गैस बनने की समस्या भी हो सकती है और आपकी हालत सही होने की वजह और ज्यादा खराब हो सकती है।

इसे भी पढ़े – पेट की चर्बी कम करने में त्रिफला के फायदे

त्रिफला चूर्ण खाने का तरीका:

वैसे तो त्रिफला का सेवन गुनगुने पानी के साथ करना चाहिए, यही सबसे अच्छा तरीका है। लेकिन कुछ लोगो को त्रिफला का स्वाद और इसकी खुसबू पसंद नहीं आती। इसके लिए आप पानी में सेंधा नमक और चीनी को मिलाकर त्रिफला का सेवन कर सकते है। रात का खाना खाने के एक घंटे बाद आप एक चमच्च (5 ग्राम) त्रिफला का सेवन 1/2 गिलास गुनगुने पानी के साथ कर सकते है।

सभी मरीजों के रोग अलग अलग रोगी के अनुसार अलग अलग हो सकते है, इसलिए कोई भी दवाई या घरेलु उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करे। आपके डॉक्टर ही आपके रोग के अनुसार आपको उचित सलाह दे सकते है।

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त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि:

त्रिफला चूर्ण को प्राचीन समय से लेकर आज भी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। त्रिफला चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है। यह औषधि तीन फलो से मिलकर बनी होती है, इसलिए इसका नाम त्रिफला है। ये तीन औषधि इस प्रकार है- आंवला, हरड़ और बहेड़ा।

त्रिफला का चूर्ण 1 : 2 : 3 के अनुपात में बनाया जाता है। त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि इस प्रकार है-

  • हरड़- 50 ग्राम
  • बहेड़ा-100 ग्राम
  • आंवला- 150 ग्राम
  1. सबसे पहले इन तीनों फलों को किसी अच्छी दुकान या ऑनलाइन से अच्छी क्वालिटी के खरीदे।
  2. फिर इन तीनो फलो को 4-5 दिन के लिए धूप में रखे और अच्छे से धूप में सुखाये।
  3. फिर जब ये सूख जाए तो इन तीनों फलों के बीज को निकालकर बारीक़-बारीक़ टुकड़ो में काट लें और 1-2 के लिए फिर से धूप में रख दें।
  4. जब तीनों फल के बीज भी अच्छे से सूख जाएं तो सबको एक-एक करके अपने ग्राइंडर में डालकर बारीक पीस ले।
  5. तीनों फलों को पीसने के बाद एक बर्तन में रखें और अच्छे से सबको मिक्स कर लें।
  6. बस अब तैयार हो गया आपका त्रिफला चूर्ण उपयोग करने के लिए।

त्रिफला चूर्ण किस कंपनी का अच्छा होता है:

कई लोग त्रिफला का चूर्ण खरीदने के लिए बाज़ार जाते हैं। लेकिन आज के समय में बाजार में कई प्रकार की औसधियाँ आती है जो एकदम शुद्ध है या नहीं किसी को भी नहीं पता। ऐसे में यह जान पाना बहुत मुश्किल होता है कि हम जो त्रिफला चूर्ण खरीद रहे हैं वो शुद्ध है या नहीं उसमे किसी भी प्रकार की मिलावट तो नहीं। कुछ लोग तो त्रिफला चूर्ण में किसी अन्य चूर्ण को मिक्स करके भी बेच देते है और कुछ लोग उन्हें खरीद भी लेते है।

FAQ:

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

QUES: त्रिफला चूर्ण क्या है?

त्रिफला चूर्ण आंवला, हरीतकी और बहेड़ा फलों से बनाया जाता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने वाला होता है और कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है।

QUES: त्रिफला चूर्ण का उपयोग किस लिए किया जाता है?

त्रिफला चूर्ण का उपयोग कई स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता है। इसके उपयोग से पाचन शक्ति मजबूत होती है और कब्ज की समस्या दूर होती है। त्रिफला चूर्ण को खाने से आंत को साफ किया जाता है और विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाव में मदद मिलती है।

QUES: त्रिफला चूर्ण को कैसे लें?

triphala चूर्ण को दिन में एक या दो बार गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। यदि आप अपने डॉक्टर की सलाह पर त्रिफला चूर्ण ले रहे हैं, तो उनके दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए।

QUES: त्रिफला चूर्ण के क्या फायदे है?

triphala चूर्ण के कई फायदे होते है।

  • भूख को बढ़ाने में
  • इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होना
  • अल्सर को ठीक करने में
  • मोटापा कम करने के लिए
  • पाचन संबंधी समस्याओ के लिये
  • कोलैस्ट्रोल को कम करने में

QUES: त्रिफला चूर्ण कब नहीं खाना चाहिए?

triphala की तासीर गर्म होती है और गर्भावस्था में गर्म चीजों का सेवन गर्भपात का कारण भी हो सकता है। इसके अलावा वे माताएं, जो शिशु को स्तनपान कराती हैं, उन्हें भी इस चूर्ण का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से बच्चे को दस्त लग सकते हैं।

QUES: त्रिफला कितने दिन में असर करता है?

triphala को वैश्विक स्तर पर अपने चिकित्सकीय फायदों के लिए जाना जाता है। सेवन शुरू करने के चार- पांच दिनों में ही छोटे-छोटे सुधार नज़र आने लगेते है।

QUES: त्रिफला चूर्ण कौन सी बीमारी में काम आता है?

त्रिफला चरन का उपयोग कई बीमारियों में कर सकते है। त्रिफला से पाचन और भूख बेहतर हो जाती है और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि भी होती है।

QUES: क्या मैं triphala रोज ले सकता हूं?

त्रिफला का सेवन करने से कई बीमारियों में फायदा तो मिलता है। लेकिन डॉक्टर के परामर्श के अनुसार आप इसका सेवन अपने रोग के अनुसार कर सकते है।

QUES: क्या त्रिफला खून साफ ​​करता है?

अधिकतर लोग अपने पेट से सम्बन्धित समस्याओ से छुटकारा पाने के लिये त्रिफला का उपयोग करते है। त्रिफला न केवल कोलन को डिटॉक्सीफाई और साफ करने में मदद करता है, बल्कि यह रक्त को भी शुद्ध करता है और लीवर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है।

QUES: क्या triphala का कोई साइड इफेक्ट है?

त्रिफला का उपयोग अगर जरुरत से ज्यादा करते है तो यह शरीर को फायदा करने की वजह नुकसान करने लग जाता है। इससे गैस, दस्त, पेट में ऐंठन, पेट खराब और कई अन्य समस्याय हो सकती है।

Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

 

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