ज्यादा हस्तमैथुन कितना खतरनाक है, एक दिन में कितनी बार करे। hasthmaithun effects in hindi (6 best tips)

hasthmaithun effects in hindi

क्या हस्तमैथुन करना सही है या गलत ? क्या हषमैथुन अननैचुरल है ? अगर नहीं तो हमे कितनी बार हस्थमैथुन करना चाहिए ? क्या हस्थमैथुन करने के साइड इफेक्ट्स है ? इस आलेख में हम आपको मॉडर्न साइंस और आयुर्वेद की साइंस दोनों के बारे में बताएंगे,की दोनों साइंस के हस्थमैथुन के बारे में क्या विचार है। इस आलेख को जरूर पढ़िए। इस आलेख के द्वारा हस्थमैथुन से सम्बंधित सारे सवालो के जबाब आपको मिल जायेंगे।

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हस्तमैथुन hasthmaithun:

हस्तमैथुन एक पुरुष या महिला द्वारा अपने अंगों को रगड़कर या अपने हाथ का प्रयोग करके अपने विषय में संतुष्टि प्राप्त करने की एक आम विधि है। यह एक स्वाभाविक मनोरंजन या स्वास्थ्यप्रद गतिविधि भी हो सकती है। खैर ये तो हम सबको पता ही है। आज हस्थमैथुन करना या इसके बारे में बात करना बहुत ही Common हो गया है। एक सर्वे के मुताबिक 95% मर्द और 88% महिलाये हस्थमैथुन करती है। हालांकि, हस्तमैथुन एक सेक्स एक्ट नहीं होता है और इसे समानता देना गलत होगा। इसके अलावा, इसे अक्सर सामाजिक तथा धार्मिक मानदंडों के आधार पर अनुचित माना जाता है।

मॉडर्न साइंस का हस्थमैथुन के बारे में विचार-

मॉडर्न साइंस “हस्तमैथुन” या मुठ मारने को एक प्राकृतिक यौन व्यवहार के रूप में मानता है। मॉडर्न साइंस की माने तो एक उम्र के बाद हमारे हार्मोन्स ही कुछ इस तरह हो जाते है की हमे अपने शरीर को खुद ही संतुष्ट करना होता है। अगर आप ऐसा न करे तो आपका शरीर अपने आप ही नाईट फॉल के जरिये शुक्राणुयो को बाहर निकल देती है। मॉडर्न साइंस के हिसाब से लगातार हस्थमैथुन करते रहना चाहिए, बिना किसी पछतावे के। क्योकि आपका शरीर लगातार शुक्राणु बनाता रहता है। हस्थमैथुन करने से सेक्सुअल तनाव कम हो जाता हैं।लेकिन मॉडर्न साइंस के हिसाब से बहुत ज्यादा हस्थमैथुन करना बिलकुल ठीक नहीं है।

आयुर्वेद का हस्थमैथुन के बारे में विचार-

आयुर्वेद के अनुसार, एक स्वस्थ यौन जीवन की चाबी अपनी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति में संतुलन बनाए रखने में है। आयुर्वेद के अनुसार जब हम कुछ खाते है, तो वो खाना सप्त धातु से होकर गुजरता है। शुक्रा धातु ही मर्दो में वीर्य का सोर्स है और इसी को ही माहिलाओ में रज का नाम दिया गया है। आयुर्वेद की माने तो शुक्र धातु बचपन से ही हमारे हर एक शेल में ओजस के रूप में पायी जाती है। आयुर्वेद के हिसाब से शुक्र धातु का क्षीण होना सबसे बड़ी कमी है।

ज्यादा हस्तमैथुन के कुछ दुष्प्रभाव (hasthmaithun effects):

हस्तमैथुन के द्वारा व्यक्ति अपनी मनोदशा को संतुलित रखता है और सेक्सुअल इच्छाएं को संतुलित करता है। हालांकि, हस्तमैथुन के बहुत से दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

नपुंसकता:

ज्यादा हस्तमैथुन करने से शुक्राणुओं की मात्रा कम हो सकती है और टेस्टोस्टेरोन की मात्रा घट सकती है। बार-बार हस्तमैथुन करने से पुरुषों में नपुंसकता की समस्या हो सकती है, इसका मतलब होता है कि वे अपने लिंग के उत्तेजन को संभाल नहीं पाएंगे।

शीघ्रपतन:

ज्यादा हस्तमैथुन करने से शीघ्रपतन की समस्या हो सकती है जो आपकी सेक्स पावर को कम कर सकती है।

स्वस्थ लिंग की समस्या:

जब लोग अधिक हस्तमैथुन करते हैं तो उनके लिंग के संरचनात्मक क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और लिंग से सम्बंधित अनेक समस्याए उत्पन्न हो सकती है।

दिमागी तनाव:

ज्यादा हस्तमैथुन करने से आपको दिमागी तनाव की समस्या हो सकती है। इससे लोगों में उत्सुकता और उद्वेग हो सकता है।

विवाहित लोगों में समस्याएं:

ज्यादा हस्तमैथुन करने से विवाहित लोगों को संबंधों में समस्याएं हो सकती हैं। इससे आपके रिश्तों में बाधा आ सकती है।

नींद की समस्या:

ज्यादा हस्तमैथुन करने से सोने की समस्या भी हो सकती है। इससे लोग अधिक नींद नहीं ले पाते हैं और अनिद्रा की समस्या होती है।

यौन रोग:

ज्यादा  हस्तमैथुन करने से यौन रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इस तरह के सेक्सुअल गतिविधियों के दौरान संक्रमण फैल सकता है।

नकारात्मक भावनाएं:

ज्यादा हस्तमैथुन करने से आपका दिमाग अक्सर नकारात्मक भावनाओं में डूबा रहता है। आप हर समय नकारात्मक भावनाओ में खोये रह सकते है।

शारीरिक नुकसान:

ज्यादा  हस्तमैथुन करने से शारीरिक नुकसान भी हो सकते हैं। इसके द्वारा शरीर की कमजोरी, थकान और शारीरिक दुर्बलता का अनुभव हो सकता है।

हस्तमैथुन के फायदे:

हस्तमैथुन एक स्वाभाविक यौन क्रिया है, जो संभवतः सभी लोगों में होती है। हस्तमैथुन करने के कुछ फायदे हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

स्वस्थ यौन जीवन:

हस्तमैथुन करने से लिंग की सेहत सुधरती है और यौन जीवन का मजा लेने में मदद मिलती है।

प्रोस्टेट स्वस्थता:

हस्तमैथुन करने से प्रोस्टेट के रोगों का खतरा कम होता है।

तनाव कम करना:

हस्तमैथुन करने से दिमाग में शांति मिलती है जो तनाव को कम करने में मदद करती है।

नींद की समस्याओं को कम करना:

हस्तमैथुन करने से नींद की समस्याएं कम होती हैं और अच्छी नींद आती है।

स्वस्थ मनोरंजन:

हस्तमैथुन करने से शरीर में एक तरल पदार्थ (डोपामीन) उत्पन्न होता है जो मनोरंजन के लिए बहुत जरूरी है।

हालांकि, इसे बार-बार करने से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए इसे मात्र एक स्वाभाविक क्रिया के रूप में देखा नहीं जाना चाहिए। इसलिए, हस्तमैथुन के बारे में सही जानकारी होना बहुत महत्वपूर्ण है।

 

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हस्तमैथुन की लत को कैसे छोड़ें

हस्तमैथुन एक ऐसी लत है जो बहुत से लोगों को प्रभावित करती है। हस्तमैथुन को छोड़ना एक लंबा और मुश्किल कार्य हो सकता है, लेकिन यह संभव है। इसे छोड़ने के लिए कुछ तरीके निम्नलिखित हैं:

आत्म नियंत्रण:

आपको अपने विचारों को नियंत्रित करना चाहिए ताकि आपकी मनोदशा तंग न हो जाए। सबसे पहला नियंत्रण अपनी आँखों पर करना चाहिए क्योकि किसी भी वस्तु को देखकर ही हम वैसा विचार बाद में अपने मस्तिष्क में लाते है। ध्यान,योग और मेडिटेशन आपको अपने विचारों को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

समय का प्रबंधन:

जब आप लगातार कुछ काम करते रहते है तो आपका मन आपके काबू में होकर उस काम को पूरा करने में मदद करता है। अधिक खाली समय बिताने से आप लगातार हस्थमैथुन के बारे में सोचेंगे। इसलिए, आपको अपने समय को सही ढंग से प्रबंधित करना होगा।

स्वस्थ जीवनशैली:

एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से आपके मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी। नियमित व्यायाम से आप शरीर में ऊर्जा ला सकते हैं। अच्छे खानपान से आप स्वस्थ शरीर पा सकते है। नींद पूरी करना और स्ट्रेस कम करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इससे आपका शरीर ताकतवर होगा और आपके मन में शांति बनी रहेगी।

सहयोग:

अपनी लत को छोड़ने में अपने परिवार या दोस्तों के सहयोग की जरूरत हो सकती है। उन्हें अपनी समस्या के बारे में बताएं और उनसे मदद मांगें। सिर्फ ऐसे लोगो को अपनी समस्या के बारे में बताये जो शख्स आपके लिए महत्वपूर्ण हो। यकीन मानिये इससे आपकी मदद जरूर होगी।

संगति:

हस्थमैथुन की लत में संगती का असर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आपके दोस्त अच्छे स्वाभाव के या निरंतर अच्छे काम करने वाले होंगे, तो आपके अंदर भी वैसी ही भावना आएगी।

स्वस्थ मनोरंजन का चयन करें:

कुछ ऐसे मनोरंजन का चयन करें जो आपको मनोरंजन देते हों लेकिन हस्तमैथुन नहीं करने देते हों। जैसे कोई भी खेल हो- कबड्डी, क्रिकेट, वॉलीबॉल, मोटिवेशन बाते करना, मोटिवेशन मूवी देखना इत्यादि।

हस्तमैथुन करना चाहिए या नहीं:

हस्तमैथुन के बारे में जो भी फैसला आप लेना चाहते हैं, वह आपके व्यक्तिगत मताधिकार पर निर्भर करता है। हम आपको ये बताना चाहता है कि हस्तमैथुन करना या ना करना एक व्यक्ति की खुद की मर्जी पर निर्भर करता है। कुछ लोग हस्तमैथुन के प्रति सख्त विरोध करते हैं, जबकी कुछ लोग इसे स्वस्थ और सुरक्षित मानते हैं। हालांकि, अगर आप इस बारे में सोच रहे हैं कि क्या हस्तमैथुन सही है या नहीं, तो यह बात आपके उम्र, स्वास्थ्य और जीवनशैली पर निर्भर करती है।

1. यदि आप बालक हैं तो हस्तमैथुन से दूर रहना उचित होगा। इससे आपके शारीरिक और मानसिक विकार हो सकते हैं जो आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। आप हर समय नकारात्मक भावनाओ में खोये रह सकते है।

2. अगर आप हस्तमैथुन करते हैं और इसके फायदे से परिचित हैं तो आपको उसे सीमित करना चाहिए। हस्तमैथुन को आपकी जीवनशैली का एक हिस्सा मानना उचित होगा लेकिन अधिकतम सीमा से परे जाना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।

3. अगर आप अधिकतम सीमा तक हस्तमैथुन करने की आदत बना रहे हैं तो इससे आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। इससे आपके दिमाग को तनाव मिलता है और आपका विवाहित जीवन भी प्रभावित हो सकता है।

4.आयुर्वेद के सहिताओ में ये तक बताया गया है की हम 32 किलो खाना खाये तो उससे 700 ग्राम खून बनेगा और फिर उस खून से 15 ग्राम शुक्राणु बनेगा। लगभग 1 बार हस्थमैथुन करने से 20 ग्राम शुक्राणु बाहर निकल जाते है। आयुर्वेद के हिसाब से हस्थमैथुन को जितना कम किया जा सके उतना ही शरीर के लिए अच्छा है।

हस्तमैथुन से जुड़ा कोई मेडिकल प्रूफ नहीं है कि ये किसी प्रकार की बीमारी या नुक्सान पहुंचती है। अगर आपको हस्तमैथुन या किसी अन्य सेक्सुअल विषय पर सहायता चाहिए तो आप अपने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

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FAQ:

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

QUES: हस्तमैथुन  करना चाहिए या नहीं ?

हस्तमैथुन के बारे में जो भी फैसला आप लेना चाहते हैं, वह आपके व्यक्तिगत मताधिकार पर निर्भर करता है। हम आपको ये बताना चाहता है कि हस्तमैथुन करना या ना करना एक व्यक्ति की खुद की मर्जी पर निर्भर करता है। हस्तमैथुन से जुड़ा कोई मेडिकल प्रूफ नहीं है कि ये किसी प्रकार की बीमारी या नुक्सान पहुंचती है।

QUES: ब्रह्मचर्य का पालन कैसे किया जाए ?

ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए आंतरिक भावना होनी चाहिए। यह बल प्राप्त होता है वीर्य की रक्षा से। वीर्य की रक्षा करना ही ब्रह्मचर्य व्रत कहलाता है।

QUES: 1 महीने वीर्य रोकने से क्या होगा?

अगर कोई व्यक्ति जबरदस्ती वीर्य को रोकने की कोशिश करता है तो इसके शरीर को बहुत बुरा असर पड़ सकता है।

QUES: वीर्य को कितने दिन तक रोकना चाहिए?

वीर्य को 90 दिनों से अधिक समय तक शरीर के अंदर नहीं रखना चाहिए। वैसे तो ये नाईट फॉल के जरिये खुद ही बहार आ जाता है।

QUES: अगर हम रोज स्पर्म छोड़ते हैं तो क्या होता है?

शुक्राणु को पूरी तरह से परिपक्व होने में लगभग 74 दिन लगते हैं। रोजाना शुक्राणु छोड़ने का दुष्प्रभाव यह है कि इससे शीघ्रपतन की बीमारी हो सकती है।

Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। एक बार अपने डॉक्टर से  सलाह जरूर ले। 

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