बुखार एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो बच्चों और वयस्कों दोनों में किसी को भी हो सकता है। बुखार तब होता है जब शरीर में किसी प्रकार का संक्रमण, विषाक्त पदार्थों के संचय, या अन्य अस्थिरताओं के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाता है। बुखार का उपचार उसके कारणों पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, तेज बुखार हो तो उसका उपचार अस्पताल में डॉक्टर की देखरेख में किया जाना चाहिए, अगर आपका हल्का–फुल्का बुखार है तो कुछ घरेलू उपचार भी कारगर हो सकते हैं। बुखार का साधारणता तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट (37 डिग्री सेल्सियस) से अधिक होता है।
तेज बुखार हो तो ये करे –
बार-बार बुखार आने के कारण :
बुखार एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से जैविक या जन्तुओं से फैलता है। जो आमतौर पर फ्लू या कफ के समान लक्षणों के साथ होता है। इसके लक्षण निम्नलिखित होते हैं-
#1. गलत आहार:
ऐसे खाद्य पदार्थ जो बिना साफ़-सफाई के बनाया गया हो या उस जगह जहां गंदगी हो तो भी आपको बुखार हो सकता है।
#2. थायरॉइड:
जिन लोगो को थाइराइड की समस्या होती है उनमे बुखार होने की सम्भावना रहती है।
#3. अलर्जी:
जुखाम, साइनस और धूल-मिट्टी जैसी अलर्जी अगर काफी दिनों तक रहे तो लोगों में बुखार की शिकायत देखने को मिलती है।
#4. मलेरिया:
मलेरिया जैसी बीमारियों में भी बुखार की समस्या होती है। मलेरिया पीड़ित व्यक्ति में बुखार और सिर दर्द आना शुरू हो जाता है। टाइफाइड, डेंगू, प्लेग के कारण भी बुखार हो जाता है।
#5. रक्त की कमी:
अगर आपके शरीर में रक्त की कमी होती है तो यह आपको बार-बार बुखार आने के कारण बन सकता है।
#6. अतिरिक्त थकान:
अगर आप अपने शरीर की क्षमता से अधिक काम करेंगे तो आपके शरीर में बुखार होने के लक्षण आ सकते है।
#7. संक्रमण:
बुखार बहुत से संक्रमण के कारन हो सकता है जैसे- बैक्टीरिया, वायरस या कई अन्य प्रकार का फंगल संक्रमण। ये संक्रमण साँस द्वारा, बिना हाथ धोये खाना खाना, संक्रमित वस्तुओं को छूने या संक्रमित जानवरों से फैल सकता हैं।
#8. खांसी या सांस लेने में तकलीफ:
यदि आपको खांसी या बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो आपको छाती में संक्रमण या निमोनिया हो सकता है।
#9. एचआईवी / एड्स:
एचआईवी संक्रमित व्यक्ति में अक्सर बार-बार बुखार होता है।
यदि आपको बार-बार बुखार होता है तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
बुखार उतारने के कुछ आसान उपाय:
बुखार का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। तेज बुखार हो तो ये करे कुछ उपाए-
आराम करें:
यह बुखार को उतराने का सबसे महत्वपूर्ण उपाओ में से एक है। जी हां, अगर आपको बुखार है तो सबसे पहला काम आपका विश्राम होना चाहिए। अगर आप अपने शरीर को पूरा मौका देते है आराम करने का तो इससे बुखार को उतरने में मदद मिलती है। सोने की कोशिश करें, अगर आपका शरीर ठंडा रहता है तो आप जल्दी ही ठीक होंगे।
पानी पिएं:
बुखार को उतारने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है पानी। बुखार के समय शरीर जल्दी ड्राई होने लग जाता है, इसलिए अधिक पानी और अन्यतरल पदार्थों का सेवन करना बहुत जरूरी होताहै।अगर आप अपनी प्यास को पूरा करते है तो आपके शरीर से विषैले पदार्थ भी बहार निकल जाते है।
नींबू का उपयोग करें:
नींबू में विटामिन C होता है, जो बुखार को कम करने में मदद कर सकता है। नींबू का रस एक उत्तम प्रकार से वायरसों और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद भी करता है। आप एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस डालकर और उसमे थोड़ा शहद मिलाकर पी सकते हैं।
सफेद प्याज़ का उपयोग करें:
सफ़ेद प्याज में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी–इंफ्लैमेटरी गुण होते हैं, जो बुखार को कम करने में मदद कर सकते हैं। प्याज का इस्तेमाल दिल को स्वस्थ रखना, हमारा इम्यून सिस्सटम मजबूत होना और अनेक प्रकार के संक्रमण को दूर रखने के लिए भी किया जाता है।
लहसुन का उपयोग करें:
लहसुन में एंटी–इन्फ्लामेटरी और एंटीबायोटिक गुण पाए जाते है, जिससे सर्दी–जुकाम और बुखार को सही करने में मदद मिलती है।
नारियल पानी पिएँ:
नारियल पानी नेचुरल ड्रिंक है, जो शरीर को हाइड्रेट रखती है। बुखार के समय शरीर जल्दी ड्राई होने लगता है तो आपको नारियल पीना जरूर पीना चाहिए। इससे शरीर को ठंडक भी मिलेगी।
अदरक:
अदरक में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं और ये इम्युनिटी बढ़ाने में भी सहायक होता है।
सोने से पहले चाय पीएं:
ये तो चाय पीने वालो के लिए खुशखबरी है। हालाँकि रात में चाय पीना सेहत के लिए नुक्सान दायक होता है। लेकिन आपको संक्रमण व बुखार से सुरक्षित रहना है तो काली मिर्च व इलायची की चाय बनाकर पी सकते है। यह चाय शरीर में संक्रमण से लड़ने के लिए रोग–प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। सोने से 1/2 घंटा पहले चाय पी सकते है।
बुखार का होना एक आम समस्या है जो ज्यादातर वायरल इन्फेक्शन के कारण हो जाता है। अधिकतर बुखार आमतौर पर स्वयं ही ठीक हो जाता है, लेकिन यदि बुखार बहुत अधिक हो जाए और बुखार न उतर रहा हो तो आपको एक चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए।
बुखार में क्या खाना चाहिए:
जब बुखार होता है, तो हमारे शरीर में तापमान बढ़ जाता है तो इस समय अपने शरीर को ठंडा रखना और उचित पोषण प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है जिससे हमारी शारीरिक क्षमता अच्छी हो जाए। बुखार होने पर हमे सही खाने की बहुत जरूरत होती है, जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिल सके और हमारी शारीरिक क्षमता मजबूत बने।
सूप:
सूप संतुलित आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। अगर आप नियमित सूप का सेवन करते है तो आपके शरीर को ऊर्जा के साथ-साथ जरूरी पोषक तत्वों की भी पूर्ति भी हो जाती है और इम्यूनिटी सिस्टम भी मजबूत बनता है।
खीरा:
खीरे की सबसे बड़ी खासियत है, कि इसमें यह 80 प्रतिशत पानी होता है जिससे आपका शरीर हाइड्रेट रहेगा। खीरा खाने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनता है। उसमें मौजूद विटामिन बी के कारण यह शरीर को ताकत भी प्रदान करता है।
फल:
फल पोषक तत्वों का भण्डार होते है। बुखार के दौरान फल आपके शरीर को विटामिन, मिनरल्स और ऊर्जा प्रदान करता है।
दलिया:
दलिया एक अच्छी संतुलित डाइट है। दलिया आपको ऊर्जा देने के साथ साथ आपके शरीर में मौजूद पानी की मात्रा को भी बनाए रखता है। दलिया खाने से हमारा पाचन तंत्र अच्छा होता है और बुखार के कारण आई कमजोरी को दूर करके शरीर में ऊर्जा देता है।
सब्जियां:
सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं, इससे आपके शरीर को विटामिन, मिनरल्स और पोषण मिलेगा जो बुखार के दौरान बहुत जरूरी होते हैं। यह हमारे ब्लड सेल्स और टिशूज को हेल्दी रखने में भी मदद करती हैं।
ठंडा पदार्थ:
ठंडे पदार्थ बुखार को कम करने में मदद कर सकते है जैसे कि जूस, शरबत या ठंडा दूध, आदि।
नार्मल बुखार कितना होना चाहिए:
नार्मल बुखार का तापमान हर व्यक्ति के शरीर और स्वस्थ्य के हिसाब से अलग अलग हो सकता है। सामान्यत, एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर का सामान्य तापमान लगभग 98.6° F (37 डिग्री सेल्सियस ) होता है। सामान्य रूप से, 100.4°F (3838 डिग्री सेल्सियस ) से ऊपर का तापमान होने पर बुखार हो सकता है जिसे चिकित्सक से अनुसार दवाइयों के साथ नियंत्रित किया जाना चाहिए।
बुखार न उतरे तो क्या करे :
अगर आपको बुखार है और घरेलु उपचार करने के बाद भी बुखार कम नही हो रहा है या उसमें कोई अन्य लक्षण हैं तो आप एक डॉक्टर से परामर्श लेकर उपयुक्त दवाएं ले सकते हैं। दवाओं का सेवन केवल डॉक्टर द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार करें। बार-बार बुखार आना या तेज बुखार आना, दोनों में बुखार के कारण का निवारण करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
बिना बुखार में ठंड लगना :
बिना बुखार के ठंड लगने के भी कई कारण होते सकते हैं, जैसे अचानक बारिश पड़ जाना ,मौसम में बदलाव, एक साथ ठंडा- गरम खा लेना। अगर आपको ठंड लगने की तकलीफ होती है लेकिन आपको बुखार नहीं है, तो कुछ और वजह भी हो सकती है-
रोग प्रतिक्रिया:
रोग प्रतिक्रिया का मतलब अगर आपको कोई बीमारी थी और वो हाल फिलहाल में ही ठीक हुयी हो तो उसके लक्षण से आपको ठण्ड लग सकती है।
बाहरी माहौल की ठंड:
ठन्डे मौसम में बदलाव के कारण आपको ठण्ड का अनुभव हो सकता है। या ठंडी हवाएं चलने से भी आपको ठण्ड लग सकती है।
शारीरिक थकान:
अगर आपने अपने शरीर की छमता के अनुसार ज्यादा काम किया है तब भी आपको ठंड लगने के चांस हो सकते है।
थायराइड समस्याएं:
अगर आपकी थायराइड ग्रंथि में कुछ गड़बड़ है और वह सही तरह से अपना काम नहीं कर रही है तो भी आपको ठण्ड लग सकती है।
खून की कमी:
ठण्ड लगना शरीर में खून की कमी के कारण भी हो सकता है। इसकी आपको जाँच करानी चाहिए।
अनियमित खान-पान:
आपके शरीर को अनियमित खानपान खराब करता है जिससे आपके शरीर में बहुत से बदलाब होने लगते है।
दवाओं का सेवन:
कुछ दवाओं का ज्यादा सेवन करने से भी आपको ठंड लग सकती है।
यदि आपको बिना बुखार के ठंड लग रही है और इससे आपको असुविधा हो रही है, तो आपको एक अच्छे डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए ताकि आपकी समस्या का सही कारण पता चल सकें और आप उचित उपचार करवा सके।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
Ques: तेज बुखार में क्या करना होगा ?
अगर आपको तेज बुखार है तो आपको शीतली प्राणायाम का अभ्यास करने से लाभ हो सकता है। शीतली प्राणायाम करने से आपका पूरा शरीर ठंडा होता है।
Ques: तेज बुखार कितने डिग्री तक हो सकता है ?
जब शरीर का तापमान बढ़ने लगता है तो बुखार हो जाता है।हमारे शरीर का सामान्य तापमान लगभग 98.6° F (37°C) होता है। और जब ,100.4°F (38°C) से ऊपर का तापमान होने लगता है तो बुखार होता है।
Ques: बुखार आने से क्या इंसान की मौत भी हो सकती है ?
अगर बुखार से ब्लड इन्फेक्शन हो जाता है तो मरीज की मौत भी हो सकती है।
Ques: बार बार बुखार होने का क्या कारण है, क्यों होता है बार–बार बुखार ?
जब आपको बार–बार बुखार होता है तो वह वायरस या बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से हो सकता है या फिर बुखार पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम के कारण हो सकता है। यह सिंड्रोम कभी–कभी जेनेटिक डिफेक्ट से होते हैं। पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम की वजह से जब बार–बार बुखार होता है तो शरीर का टेंपरेचर बढ़ सकता है।
Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले।
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