पित्त की थैली निकालने के बाद क्या होता है? pitt ki thaili me pathari (9 Important Tips)

पित्त की थैली, जिसे अंग्रेजी में “Gallbladder” कहा जाता है। पित्त की थैली एक छोटी सी गोलाकार अंग जैसी होती है जो पेट के नीचे दाहिने तरफ स्थित होती है। पित्त की थैली का हमारे शरीर में महत्वपूर्ण कार्य होता है। इसका मुख्य काम जीवाणुओं और अन्य विषैले पदार्थों को शरीर से निकालना होता है। कुछ लोगो को pitt ki thaili me pathari हो जाती है, जिससे असहनीय दर्द शुरू हों जाता है। यदि पित्त की थैली में कोई समस्या होती है, तो इससे कुछ रोग भी हो सकते हैं जैसे कि पित्त का विकार, जिगर के रोग, उल्का रोग आदि। इसलिए, पित्त की थैली का स्वस्थ होना बहुत महत्वपूर्ण है।

pitt ki thaili me pathari
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 पित्त की थैली का कार्य :

यह थैली पित्ताशय के बाहरी हिस्से में स्थित होती है। पित्त रस वसा के अवशोषण में मदद करता है। जब हम खाना खाते है तब आपके पेट में खाना पिघलने के बाद पिघला हुआ खाना आपके आंतों में जाता है फिर वह पित्त की थैली में संग्रहित होता है। जब आप पेट में नए खाद्य पदार्थ लेते हैं तो फिर यह थैली आहार को आपके आंतों में भेजती है ताकि वह पाचन तंत्र के अनुकूल रूप से काम कर सके। अथार्थ पित्त की थैली का मुख्य कार्य पित्त धातु को शरीर में उत्पन्न करना होता है। यह थैली आपके शरीर में निरंतर गलत आहार और जीवाणुओं से बचाने में मदद करती है।

pitt ki thaili me pathari पित्त की थैली में स्टोन:

पित्त की थैली में पथरी का होना आज के समय में एक आम समस्या हो गयी है। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकती है। इस स्थिति का मुख्य कारण पित्त थैली के अंदर जमे रहने वाले गैस और लिक्विड का ब्लॉकेज होना होता है, जो कि बैक्टीरियल इन्फेक्शन को बढ़ावा देते हैं। इस समस्या में पित्त की थैली के अंदर छोटे से लेकर बड़े स्टोन के रूप में दिखाई देता है। यह स्टोन पित्त के निकट अंतिम हिस्से में उत्पन्न होता है, जो अनेक समस्या का कारण बनता है।

पित्त की थैली में स्टोन के साधारण लक्षणों में शामिल होते हैं :

  • पेशाब करते समय दर्द
  • पेशाब करने में असमर्थता या कम दर्द
  • बार-बार पेशाब आना
  • पेशाब के साथ खून आना
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द या तनाव
  • उच्च बुखार
  • उल्टी आना
  • पेशाब के माध्यम से स्टोन का निकलना

यदि आपको इन लक्षणों में से कुछ भी दिखाई देते हैं तो आपको इस समस्या का समाधान करने के लिए एक अच्छे चिकित्सक से परामर्श जरूर लेना चाहिए।

पित्त की थैली की पथरी निकालने का अचूक उपाय :

पित्त की थैली में पथरी को निकालने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपचार निम्नलिखित हैं, इनमें से कुछ आपके लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं जिन्हें आप अपना सकते हैं-

शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाना-

प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना जरूर चाहिए। पानी पीने से शरीर की थकान कम होती है और पाचन तंत्र सुधरता है। इससे पथरी के रूप में जमा हुए विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है, और पथरी त्वचा के माध्यम से बाहर आ सकती है। उन फलो को खा सकते है जिसमे पानी की मात्रा ज्यादा हो। पानी युक्त फल खाने से शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है।

नींबू पानी-

नींबू पानी पीने से पित्त की थैली में जमी पथरी निकलने में मदद मिलती है। इसमें विटामिन सी होता है, जो पथरी को टूटने में मदद करता है। नींबू पानी पीने से पथरी का आकार घटता है और यह आसानी से निकल सकती है। नींबू पानी पीने से आपकी इम्युनिटी भी बूस्ट होगी।

सेब का सिरका-

सेब के सिरके को पानी में मिलाकर पीने से पित्त की थैली में जमी पथरी निकलने में मदद मिलती है। इस सिरके से हमारे शरीर का PH लेवल सही रहता है। इससे एंठन और दर्द की समस्या में आराम पड़ता है।

गुड़हल के पत्तों का सेवन करें-

गुड़हल के फूल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जिससे शरीर के बैक्टीरिया नष्ट किए जा सकते हैं। लिवर को सेहतमंद रखने के लिए गुड़हल के पत्तों का सेवन लाभकारी होता है। गुड़हल के पत्ते मूत्रमार्ग की समस्याओं के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। रोजाना 2-3 गुड़हल के पत्ते चबाकर खाने चाहिए।

पुदीने के पत्ते-

पुदीने में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिससे हमारे शरीर की पाचन क्रिया बेहतर बनती है। पुदीने के पत्ते को पीसकर एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से भी पित्त की थैली में जमी पथरी निकलने में मदद मिलती है।

आंवले का सेवन करें-

आंवले विटामिन सी से भरपूर होते हैं जो पथरी को तोड़ने में मदद करता है। कभी कभी आंवले का जूस भी पीना चाहिए या फिर आंवले का मुरब्बा भी खा सकते हैं। साथ ही आंवला प्राकृतिक लैग्जेटिव का काम करता है और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है।

घी और हल्का गर्म दूध-

घी और दूध पित्त को शांत करते हैं। रोजाना एक छोटी चम्मच घी का सेवन करना चाहिए। रात को सोने से पहले एक गिलास हल्का गर्म दूध पीना चाहिए। इससे पथरी का आकार घटता है और यह आसानी से निकल सकती है।

अदरक-

अदरक में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जिससे पथरी टूटने में मदद मिलती है। इसके लिए अदरक को छोटे टुकड़ों में काटकर पीस लें और उसका रस निकालें, और फिर उसे पी सकते हैं। अदरक में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं जो पेट की कई प्रॉब्लम्स में फायदा करती है।

खीरा-

खीरे में फाइबर और रफेज की मात्रा ज्यादा होती है जिससे पाचन क्रिया मजबूत होती है। खीरे को छोटे टुकड़ों में काटकर उसमें नमक और काली मिर्च लगाकर खाना चाहिए। इससे पथरी का आकार घटता है और यह आसानी से निकल जाती है। पेट की सेहत के लिए खीरे का सेवन जरूर करें।

नियमित व्यायाम करना-

हम सब जानते है कि व्यायाम करने से सारी बीमारियों को दूर किया जा सकता है। व्यायाम से शरीर में प्रवाहित होने वाला रक्त पाचन तंत्र को सुधारता है जिससे पथरी तथा अन्य रोगों का संभावना कम होती है।

पित्त की थैली में कैंसर के लक्षण :

  • पेट में असहनीय दर्द
  • उल्टी की तकलीफ 
  • खाने के बाद उबकाई या अधिक पसीना आना
  • भूख में कमी या भूख न लगना
  • पेट में सूजन या भारीपन
  • अपच या पेट में गैस
  • भोजन के बाद तकलीफ का अनुभव
  • पेट में दर्द के साथ-साथ साँस लेने में तकलीफ
  • पेट के उपरी हिस्से में सूजन या बढ़ती हुई गांठ का अनुभव होना
  • पेट के ऊपरी हिस्से में संक्रमण या खराबी की वजह से तापमान बढ़ना
  • खून या बदबूदार पेशाब का अनुभव होना

यदि आपको इन लक्षणों में से कुछ भी महसूस होता है, तो आपको तुरंत एक डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। यदि स्थिति गंभीर होती है या साधारण उपचार से ठीक नहीं होती है, तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है जिसमें पित्त थैली को हटा दिया जाता है।

पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान:

शोषण:

पित्त की थैली  निकालने के बाद, जितने पित्त की आवश्यकता हमारे शरीर को होती है उतना पित्त बनने में समय लगता है। जिस व्यक्ति को पथरी है अगर वह अधिक परिश्रम करता है और सही खान-पान पर ध्यान नहीं देता, तो वह शोषण का शिकार हो सकता है।

खून की बहाव:

अगर ध्यान न दिया जाए तो कुछ मामलों में, पित्त की थैली को निकालने के बाद खून की बहाव हो सकता है। इससे रोगी को दर्द, सूजन, गंभीर संक्रमण और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

निकाले गए पित्त की थैली में संक्रमण:

पित्त की थैली निकाल देने से संक्रमण के खतरे हो सकते हैं, अगर खुद का ध्यान ना रखा जाए तो। इसलिए, संक्रमण के लक्षणों की निगरानी रखना रोगी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह संक्रमण रोगी को बुखार, थकान और अन्य संक्रमण से संबंधित लक्षणों के साथ प्रभावित कर सकता है।

अस्थमा:

अस्थमा होने पर लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है। पित्त की थैली निकालने के बाद, कुछ लोगों को अस्थमा की समस्या हो सकती है। यह आमतौर पर थैली से बाहर आने वाले प्रतिक्रियाओं के कारण होता है।

पाचन समस्याएं:

पित्त की थैली भी पाचन की क्रिया में अहम भूमिका निभाती है। इसे निकलने के बाद, कुछ लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसका कारण हो सकता है कि पित्त का स्राव बंद हो जाता है, इसलिए पाचन ठीक से नहीं हो पाता है।

दर्द और सूजन:

अगर पित्त की थैली को निकल दिया जाए तो बाद में दर्द और सूजन हो सकती है। यह दर्द कभी कभी बहुत तेज हो सकता है और कुछ हफ्तों तक रुक सकता है। यह दर्द रोगी को असहनीय बना सकता है।

पित्त की थैली फटने से क्या होता है:

पित्त की थैली का फटना एक गंभीर स्थिति हो सकती है। यह अधिकतर इसलिए होता है कि थैली में मौजूद पित्त पेशी के माध्यम से शरीर में विभिन्न एन्जाइम और विषैले पदार्थों को उत्पन्न करता है जो आवश्यक होते हैं शरीर के सामान्य कार्यों के लिए।

  • अगर पित्त की थैली फट जाए तो इससे निकलने वाला पित्त और अन्य पदार्थ शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगते है, जिससे शरीर का पूरा संतुलन बिगड़ सकता है।
  • पित्त की थैली फटने से इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • पित्त की थैली फटने से गैल्ब्लैडर में संक्रमण होने का खतरा होता है जो तेज दर्द, बुखार, पेट में सूजन और पेट में गैस जैसी लक्षणों के साथ आता है।
  • थैली में स्टोन होते हैं तो वे पाचन नलियों में अटक सकते हैं, जिससे पेट में दर्द, उलझन, उल्टी, उबकाई और अन्य लक्षण हो सकते हैं।

यदि पित्त की थैली फट जाती है तो इसका उपचार करना बहुत जरुरी होता है। डॉक्टर आमतौर पर इस स्थिति के लिए ऑपरेशन की सलाह देते हैं। अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया जाए तो पित्त की थैली में अन्य गंभीर समस्याएं हो जाएँगी। यदि आपके पित्त की थैली में कोई समस्या है, तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर लेना चाहिए।

पित्त की थैली का मुंह कब खुलता है:

पित्त की थैली का मुंह आमतौर पर दो जगहों पर पाया जाता है – एक यूरेटर (मूत्रनली) और एक गैल्ब्लेडर। यह निर्भर करता है कि आप किस जगह के बारे में बात कर रहे हैं।
पित्त की थैली का मुंह पेशाब के रसायनों को संचित करने के लिए बनाया गया है। यह मुंह सीधे मूत्रमार्ग से जुड़ा हुआ होता है और पेशाब के रसायनों को शरीर से बाहर निकालने के लिए खुल जाता है। आमतौर पर पित्त की थैली का मुंह बारहवें शीर्षक आंतरिक मामलों के चिकित्सक द्वारा खुलवाया जाता है। इस प्रक्रिया को लपरोस्कोपी कहा जाता है। इस प्रकार की प्रक्रिया के लिए आमतौर पर बहुत कम समय लगता है।

पित्त की थैली का ऑपरेशन का खर्च :

पित्त की थैली का ऑपरेशन का खर्च विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। अस्पताल या चिकित्सा केंद्र के लिए खर्च विभिन्न हो सकते हैं। ऑपरेशन के खर्च का अनुमान लगाने के लिए आप अपने इलाके में एक स्थानीय अस्पताल में जाकर पूछ सकते है, जहाँ इस प्रकार के ऑपरेशन को किया जाता है। आमतौर पर, पित्त की थैली के ऑपरेशन का खर्च लगभग 30,000 से 50,000 रुपये के बीच होता है। इसके अलावा, ऑपरेशन के बाद उपचार और देखभाल का भी खर्च हो सकता है।

होम्योपैथी में pitt ki thaili me pathari का इलाज:

होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी के इलाज के लिए कुछ दवाइयों का उपयोग किया जाता है। बर्बेरिस वल्ली, ल्यूपमीया, एरेंस सुल्फुर, नाट्रम मुर, कल्कारिया कार्ब। हालांकि, इससे पहले आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि उन्हें आपकी पूरी चिकित्सा इतिहास और वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी होनी चाहिए और उसी देखरेख में आपका इलाज होना चाहिए।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

Ques: क्या पित्त की थैली की पथरी बिना ऑपरेशन के निकल सकती है ?

ऐसे फलों का जूस पी सकते हैं जिनमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में हो जैसे संतरा, टमाटर आदि का रस पिएं। इनमे मौजूद विटामिन सी शरीर के कोलेस्ट्राल को पित्त अम्ल में परिवर्तित करती है जो पथरी को तोड़कर बाहर निकालता है।

Ques: पित्त की थैली में पथरी होने से क्या नुकसान होता है ?

यदि ऐसा होता है तो आपको पेट दर्द, मतली, उल्टी और बुखार का अनुभव हो सकता है। पित्ताशय में पथरी होने से पीलिया और गंभीर सर्जिकल स्थिति भी उभर सकती है। इससे संक्रमण, मवाद बनने और गॉल ब्लैडर में छेद होने के कारण पेट की झिल्ली का रोग भी सकता है।

Ques: बिना सर्जरी के आप पित्त पथरी का इलाज कैसे करते हैं ?

कुछ मामलों में, पित्त पथरी का इलाज दवा से किया जा सकता है। कुछ रसायन, जैसे कि ursodiol या chenodiol, जो कुछ पित्त पथरी को भंग करने के लिए दिखाए गए हैं, मौखिक पित्त अम्ल की गोलियों में उपलब्ध हैं। ये दवाएं पित्त को पतला करके काम करती हैं, जिससे पित्त पथरी घुल जाती है।

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Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

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