हस्थमैथुन करने से क्या होता है जान लो वरना पछताओगे Hastmaithun karne se Nuksan ya fayda(5 Best Steps)

दोस्तों हस्थमैथुन करने क्या होता है ये सब तो हम अच्छी तरह से जानते है। लेकिन हस्थमैथुन को कैसे करना चाहिए, कितना करना चाहिए इसके क्या फायदे है और क्या नुकसान है, ये सब भी जानना बहुत जरूरी होता है। क्या हस्थमैथुन करना सही है या गलत ? क्या हस्थमैथुन करना अननैचुरल है ? अगर नहीं तो हमे कितनी बार हस्थमैथुन करना चाहिए? ‘Hastmaithun karne se Nuksan ya fayda’ ये सब बाते आपको इस लेख में मिलेगी और मै अच्छी तरह जनता हूँ दोस्तों कि आप यहाँ से बहुत कुछ अच्छा ही सीख कर जायेंगे और लोगो को भी इसके बारे में बतायंगे।

Hastmaithun karne se Nuksan ya fayda
Hastmaithun karne se Nuksan ya fayda

हस्थमैथुन करने से क्या होता है ( Hastmaithun karne se Nuksan ya fayda ):

दोस्तों हस्थमैथुन तो सभी लोग करते है लड़की हो या लड़का। एक रिसर्च के अनुसार 95% मर्द और 88% महिलाये हस्थमैथुन करती है। दोस्तों हस्थमैथुन करना नेचुरल होता है, इसमें गिला शिकवा वाली कोई बात नही होती है। लेकिन ज्यादा हस्थमैथुन करने से आपका बहुत नुकसान भी हो सकता है।

किसी भी काम में मन ना लगना:

दोस्तों जब हम हस्थमैथुन करने लगते है तो हमारा दिमाग बार बार उन्ही चीजों के बारे में सोचता रहता है जिससे हमारा ध्यान कही और नहीं जा पाता, और हम उन्ही चीजों में खोये रहते है।

लत लग जाना:

दोस्तों जब हम बार बार हस्थमैथुन करते रहते है तो हम मन ही मन खुश होते रहते है। इस खुशी को डोपामिन हार्मोन भी कहते है। जब ये खुशी सिर्फ हस्थमैथुन करने से मिलने लग जाती है तो बार बार हम हस्थमैथुन करने लग जाते है। इसकी लत कब लग जाती है पता ही नहीं चलता।

समय की बर्बादी:

जो व्यक्ति बार बार हस्थमैथुन करता रहता है तो वह उन्ही ख्यालो में खोया रहता है। उस व्यक्ति को ऐसे ख्यालो के अलावा कुछ भी नहीं सूझ पाता। जिससे उसका सारा समय अच्छे कामो की वजाय उसी काम में लगा रहता है जिसकी वजह से वह कोई और काम भी नहीं कर पाता।

हस्थमैथुन करने से कौन सी बीमारियां हो जाती हैं:

दोस्तों हफ्ते भर में एक बार हस्थमैथुन करने तक तो ठीक है लेकिन अगर आपकी आदत ज्यादा हस्थमैथुन करने की बन जाय तो इसके घातक परिणाम हो सकते है।

व्यक्ति शर्मनाक महसूस करता है:

अगर कोई व्यक्ति ज्यादा हस्थमैथुन करने लग जाता है तो वह अपनी ही नजरो में गिरने लग जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योकि वीर्य को ताकतवर के रूप में देखा जाता है और जो व्यक्ति ज्यादा वीर्य खर्च करता है तो उसके अंदर अपने आप ही लज्जा और ग्लानी होने लगती है और वह व्यक्ति समाज में सबके सामने आने से कतराने लगता है।

दिमाग कमजोर होता है:

बार बार हस्थमैथुन करने से दिमाग भी कमजोर होने लगता है। क्योकी दोस्तों जो बार बार हस्थमैथुन करते है ऐसे लोग इन्ही चीजों में खोये रहते है जिसकी वजह से ऐसे लोग जिंदगी में कुछ नया नहीं सीख पाते और उनका दिमाग एक सीमित सोच में ही रह जाता है।

कब्ज की समस्या:

बार बार हस्थमैथुन करने की वजह से आपका पाचन तंत्र भी बिगड़ सकता है और पेट से सम्बंधित बीमारिया भी हो सकती है जो कब्ज का कारण बन सकती है।

शारीरिक कमजोरी:

बार बार हस्थमैथुन करने की वजह से शारीरिक कमजोरी हो सकती है। क्योकी आयुर्वेद में वीर्य को ही ताकतवर बताया गया है जो आपके पूरे शरीर को तंदरुस्त रखता है। अगर वीर्य ही नहीं होगा तो शरीर तंदरुस्त कैसे बनेगा।

शरीर में पोषकतत्व की कमी:

हस्थमैथुन करने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी इसलिए हो जाती है क्योकी व्यक्ति अपनी ही सोच में पड़ा रहता है जिसकी वजह से ना ही वह अच्छा खा पाता है और ना ही उसका स्वाथ्य अच्छा हो पाता है। जिससे उसके शरीर से पोषक तत्व धीरे धीरे गायब होने लग जाते है।

चेहरे की चमक:

जब व्यक्ति अच्छा खयेगा नहीं और वर्तमान में जियेगा नहीं और हमेशा किसी न किसी सोच में डूबा रहेगा तो उसके जीवन से खुशिया गायब होने लगती है और चेहरे की चमक भी धीरे धीरे गायब हो जाती है।

लिंग में सूजन:

बार बार हस्थमैथुन करने से व्यक्ति गलत तरीके से भी हस्थमैथुन करने लगता है जिससे लिंग में सूजन की दिक्क़ते होने लगती है।

स्वस्थ लिंग की समस्या:

जब व्यक्ति लगातार हस्थमैथुन करने लग जाता है तो उसके लिंग को दुबारा से रिकवर होने का टाइम नहीं मिल पाता जिसकी वजह से लिंग में परेशानिया आनी शुरू हो जाती है।

वीर्य का पतलापन:

ज्यादा हस्थमैथुन करने से वीर्य का पतला होना लाजमी है। बार बार हस्थमैथुन करने से वीर्य जल्दी जल्दी बाहर निकल जाता है जिसकी वजह से वीर्य पतला हो जाता है। क्योकी वीर्य को दोबारा बनने में काफी टाइम लग जाता है।

बच्चे पैदा करने में समस्या:

ज्यादा हस्थमैथुन करने से वीर्य पतला हो जाता है। वीर्य को बनने में काफी टाइम लग जाता है और अगर वीर्य समय के पहले ही निकल जाय तो वीर्य का अच्छी तरह से विकास नहीं हो पाता जिससे स्पर्म काउंट कम हो जाता है और बच्चा पैदा करने में दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है।

नपुंसकता:

बार बार हस्थमैथुन करने से स्पर्म सही तरह से बन नहीं पाता जिससे स्पर्म काउंट कम हो जाते है और नपुंसकता का कारण बनते है।

सम्भोग का समय कम होना:

ज्यादा हस्थमैथुन करने से समय चक्र की सीमा कम हो जाती है। जिससे वीर्य समय से पहले यानी जल्दी निकल जाता है। और आप अच्छी तरह आनंद नहीं ले पाते है।

विवाहित लोगों में समस्याएं:

ज्यादा हस्थमैथुन करने से लिंग से सम्बंधित समस्याये हो जाती है। जिससे आपके पार्टनर की फीलिंग अच्छी नहीं हो पाती या दोनों एक दूसरे से संतुष्ट नही हो पाते। इसलिए धीरे धीरे विवाहित लोगो में समस्याये शुरू हो जाती है।

इसे भी पढ़े- एक दिन में कितनी बार हस्तमैथुन करे ?

हस्थमैथुन करने के फायदे:

ऐसा नहीं है दोस्तों हस्थमैथुन करने से सिर्फ नुकसान ही होता है।हस्थमैथुन करना तो यह एक प्रकृति का नियम ही है। अगर आप इसको फायदे की तरह समझकर करते है तो इससे नुकसान की जगह फायदा भी हो सकता है। जी हाँ दोस्तों इसके फायदे निम्नलिखित है-

तनाव दूर होता है:

जब आप सीमित मात्रा में हस्थमैथुन करते है तो इससे आपका तनाव दूर हो जाता है, और आप अच्छा महसूस करते है और मानसिक शांति मिलती है।

खुशी मह्सूस होती है:

दोस्तों हस्थमैथुन करने से डोपामिन हार्मोन रिलीज है, जिसे खुशी का हार्मोन भी कहा जाता है। जब कोई व्यक्ति हस्थमैथुन करता है तो उसका तनाव दूर हो जाता है और खुशी का अनुभव होता है।

अच्छी नींद आती है:

हस्थमैथुन करने से जब आप तनाव फ्री हो जाते है तो आप काफी अच्छा महसूस करते है। जिससे आप अच्छी तरह से और गहरी नींद भी ले पाते है।

एकाग्रता में सुधार:

जब आप हस्थमैथुन करते है तो न्यूरोट्रांसमीटर का स्तर बढ़ जाता है जिससे आपका एक ही जगह ध्यान लगता है और एकाग्रता में सुधर होता है। जिससे आप छोटी छोटी चीजों को भी ध्यान रखने लग जाते है।

लिंग की एक्सरसाइज होती है:

हाँ दोस्तों जब आप हस्थमैथुन करते है तो आप लिंग को आगे पीछे करते है जिससे आपके लिंग की एक्सरसाइज हो जाती है। लेकिन सीमित मात्रा में ही हस्थमैथुन करना अच्छा होता है।

काम वासना पर काबू:

जो लोग हस्थमैथुन करते है तो वह लोग अपनी काम वासना पर काबू कर पाते है। इससे वह लोग किसी के साथ गलत काम करने से बच जाते है।

शीग्रपतन दूर होता है:

जब व्यक्ति की इच्छा के बिना वीर्य अचानक स्खलित हो जाता है उसे शीघ्रपतन कहते है। जो लोग हस्थमैथुन करते है उन्हें पहले ही आभाष हो जाता है कि उनका वीर्य समय से पहले ही निकल जा रहा है, तो वह लोग अपनी समस्या को जानकर अपना जल्दी से इलाज करा सकते है।

प्रोटेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है:

हस्थमैथुन करने और हस्थमैथुन ना करने  वाले लोगो में एक रिसर्च की गई जिसमे पाया गया कि जो लोग मुठ मारते है उनमे प्रोटेस्ट कैंसर का खतरा हस्थमैथुन ना करने वाले लोगो से कम था। इसलिए अगर आप हफ्ते में 1 या 2 बार हस्थमैथुन करते है तो प्रोटेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

संक्रमण से बचा जा सकता है:

दोस्तों आज के समय में अनेक ऐसी गंभीर बीमारिया फ़ैल गई है जिसका इलाज भी संभव नहीं है जिनमे एड्स को तो सभी लोग जानते है। किसी अनजाने के साथ (शादी से पहले) सम्बन्ध बनाने से अच्छा कि आप हस्थमैथुन कर ले। इससे आप एड्स, हेपेटाइटस बी और हेपेटाइटस सी जैसी गंभीर बीमारियों से बच सकते है।

क्या हस्थमैथुन करना सही है या गलत:

अब विचार आता है की हस्थमैथुन करना सही है या गलत। दोस्तों हम आपको मॉडर्न साइंस और आयुर्वेद की साइंस दोनों के बारे में बताएंगे,की दोनों साइंस हस्थमैथुन करने के बारे में क्या कहती है। इससे आप खुद ही समझ पाएंगे कि हस्थमैथुन करना गलत है या सही।

मॉडर्न साइंस का हस्थमैथुन के बारे में विचार-

  • मॉडर्न साइंस हस्थमैथुन करने को एक नार्मल व्यवहार मानता है।
  • मॉडर्न साइंस के हिसाब से एक उम्र के बाद हार्मोन्स ही ऐसे हो जाते है की आप ना चाहते हुए भीहस्थमैथुन कर लेते है और अपने आप को संतुष्ट कर लेते है।
  • मॉडर्न साइंस के हिसाब से जो लोग हस्थमैथुन नहीं करते उनका वीर्य अपने आप ही नाईट फॉल के जरिये बाहर निकल जाता है।
  • मॉडर्न साइंस के हिसाब से हमारा वीर्य अपने आप ही बनता रहता है और लगातार बनता रहता है। जिसे आप हस्थमैथुन कर निकाल भी सकते है।
  • मॉडर्न साइंस के हिसाब से बिना किसी पछतावे के आप हस्थमैथुन कर सकते है।
  • मॉडर्न साइंस के हिसाब से आप हस्थमैथुन तो कर सकते है लेकिन ज्यादा हस्थमैथुन करना मॉडर्न साइंस इसको गलत मानता है।

आयुर्वेद का हस्थमैथुन के बारे में विचार-

  • आयुर्वेद के हिसाब से आपको बिलकुल भी हस्थमैथुन नहीं करना चाहिये। आयुर्वेद इसको गलत मानता है।
  • आयुर्वेद के हिसाब से हमारा खाना खाने से लेकर वीर्य बनने तक का सफर 40 से 45 दिन में पूरा होता है। इसलिए आपको अपना वीर्य नष्ट नहीं करना चाहिए।
  • आयुर्वेद के हिसाब से जो लोग हस्थमैथुन नहीं करते है उनके अंदर एक अलग ही शक्ति आती है जिसे आयुर्वेद में पूर्ण पौरुष का नाम दिया गया है।
  • आयुर्वेद के हिसाब से जो लोग हस्थमैथुन नहीं करते है उनका शरीर अधिक बलवान होता है और चेहरा चमकता हुआ होता है।
  • आयुर्वेद हस्थमैथुन को एक निषेध के रूप में देखता है। इसलिए पुरुष या महिला को आयुर्वेद के हिसाब से बिलकुल भी हस्थमैथुन नहीं करना चाहिए।
Hastmaithun karne se Nuksan ya fayda
Hastmaithun karne se Nuksan ya fayda

हस्थमैथुन करने की लत को कैसे छोड़ें:

दोस्तों जो लोग हस्थमैथुन करते है उन्हें अंदर ही अंदर खुशी महसूस होती है। जो हमारा डोपामिन हार्मोन रिलीज होता है वो अगर हस्थमैथुन करने से जुड़ जाता है तो हम बार बार हस्थमैथुन करने लग जाते है और हमे वो खुशी बार बार चाहिए होती है। दोस्तों इसकी लत भी कब लग जाती है इसका पता भी नहीं चलता। लेकिन कुछ चीजे ऐसी भी है जिससे आप आराम से हस्थमैथुन की लत को छोड़ सकते है।

समय का प्रबंधन:

सबसे पहले आपको अपने समय को अलग अलग कार्यो में बाटना पड़ेगा। अगर आप लगातार अच्छा काम करते रहते है तो आपका मन हस्थमैथुन करने की तरफ कम जायेगा। क्योकी खाली समय में ही ऐसे विचार ज्यादा आते है।

आत्म नियंत्रण:

आपको अपने विचारो को नियंत्रण करने की जरुरत है। अगर आप अपने विचारो पर काबू करना सीख जाते है तो आप आसानी से इस बुरी लत को छोड़ सकते है। अपने विचारो पर काबू पाने के लिए आपको रोज योग और व्यायाम करना चाहिए।

स्वस्थ जीवनशैली:

अगर आप नियमित व्यायाम करते है तो आपका शरीर स्वस्थ्य रहता है और अच्छी ऊर्जा आती है शरीर में। जिससे आपके मन में अच्छे विचार आते है और आप धीरे धीरे इस लत से दूर जाने लगते है।

सहयोग:

अगर आपको हस्थमैथुन करने की लत बहुत ज्यादा हो गई है तो आपको अपने किसी सहयोगी या घरवाले से ये बात बताने की जरुरत है। सच में दोस्तों इससे बहुत फर्क पड़ता है। लेकिन ऐसे लोगो को अपनी समस्याओं के बारे में बताइये जो सच में आपकी मदद करेगे।

संगती:

दोस्तों इस बात को सब जानते है जैसी संगती होती है वैसा ही इंसान की आदते बन जाती है। इसलिए दोस्तों अच्छी संगती में रहिये। किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रहिये जो जिंदगी में बहुत कुछ करना चाहता है और बहुत मेहनत भी करता हो।

Mayukha Fitness के तरफ से जरूरी टिप्स:

  • दोस्तों आप हस्थमैथुन तो कर सकते है लेकिन हफ्ते में 1 बार ही काफी होता है और अगर नहीं रुक पा रहे है तो 2 बार भी कर सकते है।
  • दोस्तों जब भी आप हस्थमैथुन करे तो उसके बाद बिलकुल भी पछतावा ना करे। ये कोई जुर्म नहीं है, लेकिन ज्यादा ना करे।
  • नियमित एक्सरसाइज तो करते रहना चाहिए। इससे आपके अंदर एक अलग ही ऊर्जा आती है, जो आपको जीवन में सक्सेस की ओर ले जाती है।
  • दोस्तों एक्सरसाइज के साथ ध्यान और योग जरूर करे। इससे आपका मन शांत होता है और अच्छे विचार मन में आते है।
  • अपने खाने पीने का जरूर ध्यान रखे। ये दोस्तों एक्सरसाइज से भी ज्यादा जरूरी होता है। अगर आप अच्छा खाते है तो अच्छा सोचते भी है।

FAQ:

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

QUES: हस्थमैथुन करने से शरीर में क्या असर पड़ता है?

हस्थमैथुन करने से आप हमेशा सोच में डूबे रहते रहते हो, और शरीर में कमजोरी सी महसूस होने लगती है। शरीर थका थका सा लगने लगता है और आराम करने का मन करता रहता है।

QUES: एक बार हस्थमैथुन करने से कितना वजन कम होता है?

वजन कम होना और हस्थमैथुन करना इन दोनों का आपस में कोई लिंक नहीं हैं। बस हस्तमैथुन करने के बाद थोड़ी सी कमजोरी महसूस हो सकती है और थोड़ी देर बाद वो भी सही हो जाती है।

QUES: हर दिन हस्तमैथुन करने से क्या होता है?

हर दिन हस्थमैथुन करने से व्यक्ति हमेशा सोच में डूबा रहता है। उसका किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता। ऐसे व्यक्ति पर गलत ख्याल इस प्रकार हावी हो जाता है कि अच्छे और बुरे कि कोई समझ नहीं हो पाती। जो लोग हर दिन हस्थमैथुन करते है वो लोग अपना कीमती समय बर्बाद कर देते है, जिससे उनकी जिंदगी में अच्छी चीजे सब पीछे छूट जाती है।

QUES: रोज हस्तमैथुन करने से शरीर में क्या प्रभाव पड़ता है?

  • शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होती है।
  • धीरे धीरे बाल झड़ने की समस्या होने लगती है।
  • चेहरे की चमक गायब होने लगती है।
  • डिप्रेशन की समस्या भी होने लगती है।
  • लिंग कि माशपेशियों में सूजन होने लगती है।

QUES: हस्थमैथुन करने से शरीर में कमजोरी आती है क्या?

हस्थमैथुन करने से शरीर में कमजोरी नहीं आती। लेकिन आप अगर अत्यधिक हस्थमैथुन करते है तो शरीर कमजोर हो सकता है। हस्थमैथुन करने के बाद आप थोड़ी देर तक थकान भी महसूस कर सकते है। इसलिए ज्यादा हस्थमैथुन नहीं करना चाहिए।

QUES: हफ्ते में कितनी बार हस्थमैथुन करना चाहिए?

मॉर्डन साइंस के हिसाब से आप रोज हस्थमैथुन कर सकते है। लेकिन आयुर्वेद इसके विपरीत है। आयुर्वेद के हिसाब से हस्थमैथुन कभी नहीं करना चाहिए। अगर कोई हस्तमैथुन करना चाहता है तो हफ्ते में 1-2 बार कर सकता है। हस्थमैथुन तभी करे जब आपको सेक्सुअल फीलिंग आ रही हो।

QUES: हस्थमैथुन करने से शरीर में कौन सी कमी हो जाती है?

वैसे तो हस्थमैथुन करने से शरीर में कोई दिक्कत नहीं होती। लेकिन अगर कोई ज्यादा हस्थमैथुन करते है तो उसके शरीर में परेशानिया आने लगती है। जैसे लिंग कि माशपेशियों में सूजन आ जाती है, सोचने की क्षमता कम हो जाती है, समय बर्बाद हने लगता है, स्पर्म काउंट कम होने लगते है।

Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप मेंनहीं लिया जाना चाहिए। एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

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