दोस्तों आज के समाय में बवासीर एक आम समस्या होती जा रही है। दुनिया में करीब 60% लोगो को किसी न किसी उम्र में बवासीर की समस्या का सामना करना पड़ता है। बस बात इतनी सी है कि किसी की ये समस्या अपने आप ही ठीक हो जाती है और किसी कि ये समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। जब ये समस्या ज्यादा बढ़ जाती है तो लोग बिना कुछ सोचे समझे इसका इलाज खुद ही करने लग जाते है, जोकि बहुत नुकसानदायक भी साबित होता है। कुछ लोग तो colgate se bawaseer ka ilaj करने लग जाते है। लेकिन दोस्तों ये सच बात नहीं है, आइये जानते है कैसे-
कोलगेट से बवासीर का इलाज घर पर( colgate se bawaseer ka ilaj )
दोस्तों अगर आपको कही से पता चला है कि कोलगेट से बवासीर का इलाज होता है, तो आप इस अफवाह से दूर रहिये। क्योकि कोलगेट से बवासीर का इलाज नहीं होता है। अगर ऐसा होता तो कोलगेट कंपनियों की तो बल्ले बल्ले हो जाती। कुछ लोग कोलगेट को जले हुए पर भी लगा लेते है। जबकि कोलगेट कंपनी वालो ने अपने टूथपेस्ट पर भी लिखा हुआ है कि इसको जले हुए पर नहीं लगाना है। अगर आपको बवासीर की समस्या है तो कोलगेट से बेहतर अच्छे विकल्प को चुनना चाहिए ताकि आप इस बीमारी से जल्दी से बच सके। हम आपको इस लेख में नीचे कुछ घरेलु उपाय बताते है जिनको अपनाकर आप बवासीर की समस्या से बच सकते है।
बवासीर का रामबाण घरेलू नुस्खे (bawaseer khatam karne ka gharelu upay):
अब बात आती है कि बवासीर कि समस्या अगर हो गई है तो उससे निजात कैसे पाया जाय। तो हम आपको कुछ अच्छे घरेलु नुस्खे बताते है ताकि आप घर पर ही इस समस्या को दूर कर सके।
त्रिफला चूर्ण:
दोस्तों बवासीर होने का सबसे बडा कारण होता है कब्ज का ज्यादा दिनों तक रहना। मतलब जिन लोगो को कब्ज की समस्या ज्यादा रहती है उन्हें ही इस बीमारी का सामना करना पड़ता है। और इस बात को सभी जानते है कि त्रिफला चूर्ण का उपयोग कब्ज की समस्या को दूर करने के साथ साथ पेट की अनेक बीमारिया भी सही हो जाती है। त्रिफला चूर्ण का उपयोग करने से मल नरम हो जाता है और आपकी गुदा से आसानी से बाहर आ जाता है इससे आपको जलन भी और दर्द भी दोनों मासूस नहीं होते है।
अंजीर:
अंजीर का उपयोग करने से पेट साफ़ अच्छी तरह से हो जाता है। इसके साथ ही अंजीर कई बीमारियों को भी ठीक करता है क्योकि इसमें प्रोटीन, जिंक, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर पाया जाता है। 2 अंजीर को रात भर एक गिलास में भिगो कर रखे और सुबह खली पेट अच्छी तरह चबाकर खा ले। आप इसका पानी भी पी सकते है।
एलोवेरा जेल:
एलोवेरा में एंटी–वायरल और एंटी–इंफ्लेमेटरी गुण होते है। इसके सेवन करने से कब्ज की समस्या दूर होती है और खाना आसानी से पचता है। एलोवेरा के गूदे का उपयोग करके यानी एलोवेरा का गूदा निकालकर निकले हुए मस्से पर लगाने से आराम मिलता है। खुजली शांत होने लगती है और जलन भी कम हो जाती है।
इसबगोल की भूसी:
इसबगोल का प्रयोग बवासीर में काफी आराम दायक होता है। क्योकि बवासीर कब्ज की वजह से होता है और इसबगोल की भूसी कब्ज को दूर करती है। इसबगोल की भूसी का उपयोग करने से कठोर मल नरम हो जाता है और दर्द भी नहीं होता।
नारियल का उपयोग:
नारियल का उपयोग भी बवासीर में काफी फायदेमंद होता है। बस आपको नारियल को जलाकर उसकी जो जटाये होती है उसको निकालकर उसकी राख बनानी है या उसका पाउडर बना लेना है। फिर इस 1 चमच्च राख को खाली पेट मट्ठे में या छाछ में डालकर पी लेना है। ऐसा करने से बवासीर रोगी को काफी फायदा मिलता है।
जैतून के तेल:
जैतून के तेल में भरपूर पोषक तत्व और कई सारे एंटी–ऑक्सीडेंट पाए जाते है। जैतून के तेल को बवासीर के मस्सो पर लगाने से सूजन कम होती है और आराम भी मिलता है।
बादाम का तेल:
बादाम का तेल त्वचा से सम्बंधित कई सारी समस्याओं को दूर करता है। बादाम के तेल का उपयोग करने के लिए आपको एक रुई को बादाम के तेल में डुबोना है और बवासीर के मस्सो पर लगाना है। ऐसा करने से सूजन तो कम हटी है और जलन भी कम हो जाती है।
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बबासीर में क्या खाये:
देखिये दोस्तों बवासीर कब हो जाती है पता ही नहीं चलता। लेकिन अगर किसी को बहुत दिनों से कब्ज की समस्या है तो उसे भी अपने खान-पान को सही कर लेना चाहिए ताकि वो ऐसी बीमारी से बच सके।
- अगर बवासीर की समस्या हो गई है तो आपको सबसे पहले अपने शरीर को हमेशा हाइड्रेट रखना होगा। यानी दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी रोज पीना है। इससे आपका शरीर हाइड्रेट तो रहेगा ही साथ ही साथ आपका मल नरम भी होगा जिससे जलन भी कम होगी।
- बवासीर होने पर फाइबर का सेवन जरूर करना चाहिए। जब शरीर में फाइबर जाता है तो खाना आसानी से पचता है जिससे कब्ज की समस्या में आराम मिलता है। इसलिए फाइबर युक्त फलो और सब्जियों का सेवन अपनी रोजमर्रा की जंदगी में जरूर करे।
- साबुत अनाज का सेवन बवासीर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है क्योकी साबुत अनाज में भी अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। साबुत अनाज में जैसे ओटमील, बाजरा, ब्राउन राईस, व्हीट बेरी और भी होते है जो आप उपयोग में ला सकते है।
- जिन लोगो को खूनी बवासीर होती है उन्हें हरी सब्जिया या हरे पत्तेदार सब्जियों का उपयोग जरूर करना चाहिए। क्योकी इनमे आयरन पाया जाता है जो खूनी बवासीर के दौरान बहुत जरूरी होता है।
- जिन लोगो को बवासीर की समस्या होती है वे लोग हर्बल चाय बना कर पी सकते है।
बबासीर में क्या ना खाये:
अब बात आती है बवासीर होने पर जो चीजे नहीं खाई जाती। कुछ चीजे ऐसी होती है जिनसे कब्ज की समस्या और बढ़ जाती है और बवासीर की समस्या ठीक नहीं हो पाती।
- जिन लोगो को बवासीर की समस्या होती है उन्हें कभी भी मसालेदार खाने का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योकी मसालेदार खाना खाने से शरीर में एसिड की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। जिससे बवासीर में आराम नहीं मिल पाता।
- बवासीर के समस्या में सफ़ेद चीनी का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।
- जब तक बवासीर ठीक ना हो जाए तब तक तले हुए खाने जैसे समोसा, कचोरी, फ्रेंच फ्राइज आदि से बिलकुल दूर रहे। तला हुआ खाना पेट की समस्याओं को बढ़ा देता है जिससे कब्ज की समस्या होने लग जाती है।
- जो लोग बवासीर की समस्या से पीड़ित है उन्हें मैदा या मैदे से बनी चीजों से बिलकुल ही दूर रहना चाहिए। मैदे में बिलकुल भी फाइबर नहीं होता इसलिए मैदा देर से पचता है। मैदा सफ़ेद जहर की गिनती में भी आता है।
- जिन लोगो को बवासीर है ऐसे लोग एल्कोहल से तो बिल्कुल ही दूरी बना ले। साथ ही साथ काफी और चाय बिलकुल ही कम कर दे या बंद कर दे। ताकि गैस की समस्या ना हो और आपका पेट आसानी से आपका खाना पचा सके।
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बवासीर क्यों हो जाता है:
सबसे पहले तो ये जानना बहुत जरूरी है कि बवासीर क्यों हो जाता है। क्योकि अगर आपका बवासीर किसी दवाई से सही भी हो जाए तो फिर दुबारा से होने के चांसेस हो जाते है। क्योकि बवासीर आपकी लाइफस्टाइल खराब होनी कि वजह से होता है। अगर आप इसको ही सही कर लेंगे तो बवासीर की समस्या से बच जायेगे। तो सबसे पहले आपको बवासीर होने के कारण बताते है-
एक ही जगह पर बहुत देर या ज्यादा देर तक बैठना:
जो लोग एक ही जगह पर ज्यादा देर तक बैठते है उन्हें बवासीर होने के चांसेस ज्यादा होते है। क्योकी जब आप एक ही जगह पर बहुत देर तक बैठते है तो आपकी नसों पर दबाब पड़ने लगता है, जो आगे चलकर बवासीर का कारण बनता है। जो लोग ऑफिस में काम करने वाले होते है उनका अक्सर पेट ख़राब रहता है अगर वो कोई शारीरिक एक्टिवटी ना करे तो।
जीवन शैली:
जिनकी जीवन शैली ख़राब होती है उनको बवासीर की समस्या ज्यादा होती है। जैसे की एक्सरसाइज ना करना, शराब पीना, धूम्रपान करना, तम्बाकू खाना इत्यादि। अगर खान-पान भी खराब है तो बवासीर होने के चांसेस बढ़ जाते है।
गर्भावस्था:
गर्भावस्था में कुछ महिलाओ को ऐसी समस्या से गुजरना पड़ता है। क्योकि गर्भावस्था के दौरान यूट्रस का अकार बढ़ जाता है, जिससे नसों में दबाब बनता है और फिर सूजन आने की वजह से बवासीर की समस्या हो जाती है।
अधिक वजन:
जिन लोगो का वजन अधिक होता है उन्हें बवासीर की समस्या जल्दी हो जाती है। क्योकी वजन ज्यादा होने से गुदा और मलाशय की नसों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जो बवासीर होने का मुख्य कारण बनता है।
बढ़ती उम्र:
बवासीर होने का सबसे बड़ा कारण उम्र का बढ़ना होता है। क्योकि बुजुर्ग लोग ज्यादा शारीरिक एक्टिविटी नहीं कर पाते और जब उम्र बढ़ती जाती है वैसे वैसे पाचन तंत्र भी खराब होने लगता है जिससे कब्ज की समस्या ज्यादा रहने लगती है। इसलिए बुजुर्ग लोगो को बवासीर की समस्या का सामना करना पड़ जाता है।
बवासीर होने पर डॉक्टर कौन सी सर्जरी करते है:
दोस्तों अगर बवासीर की समस्या काफी ज्यादा बढ़ गई है तो डॉक्टर सर्जरी कराने की सलाह देते है ताकि ये समस्या जल्दी से जल्दी ठीक हो जाए। अगर बवासीर का इलाज सही समय पर ना किया जाए तो इससे अनेक गंभीर समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए दोस्तों इसका सही समय पर इलाज करना बहुत जरूरी होता है। बवासीर होने पर डॉक्टर तीन तरह की सर्जरी करते है।
- लेजर सर्जरी
- ओपन सर्जरी
- स्टेपलर सर्जरी
इसे भी पढ़े- बवासीर की इलाज सर्जरी में कितना खर्च आता है?
बवासीर के लिए योगासन:
दोस्तों जीवन में कोई भी समस्या हो आपको अपनी तरफ से 100% तो देना ही होगा। ताकि आप खुद ही अपने शरीर की क्षमता को पहचान कर अपने खुद के शरीर को ठीक कर सके। आपको रोज हर तरह का योगासन और एक्सरसाइज तो करनी ही चाहिए। लेकिन जो लोग बवासीर की समस्या से पीड़ित है उन्हें ये योगासान तो जरूर ही करने चाहिए।
- वज्रासन
- पादहस्तासन
- सर्वांगासन
- बालासन
- पवनमुक्तासन
खूनी बवासीर का इलाज ( khooni bawaseer ka ilaj ):
जब हम बहुत देर तक एक ही जगह पर लगातार बैठे रहते है तो इससे रक्तवाहनियों पर जोर पड़ने लग जाता है, जिसकी वजह से मलाशय और गुदा प्रभावित हो जाते है। इससे बवासीर हो जाती है। अगर आपको खूनी बवासीर है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करे। ताकि आपकी समस्या के हिसाब से आपका इलाज हो सके।
नीम से बवासीर का इलाज:
नीम में एंटीबैक्टीरियल गुड़ पाये जाते है जिससे बवासीर के मस्से की सूजन में सुधार होताहै। अगर आप बवासीर से पीड़ित है तो नीम के पत्तो का पेस्ट बनाकर बवासीर के मस्से पर लगाए। इससे आपको राहत मिलेगी। आप नीम के तेल का उपयोग भी कर सकते है बस इसको लगाते समय एक रुई का उपयोग करे।
फिटकरी से बवासीर का इलाज:
अगर किसी को बवासीर की शिकायत है एक चम्मच पीसी हुयी फिटकरी ले लें। फिर इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर खाना खाने के बाद दिन में एक बार ले। फिटकरी का उपयोग चोट लगने या खून को रोकने में भी किया जाता है। आप फिटकरी का बाहरी उपयोग भी कर सकते है।
कपूर से बवासीर का इलाज:
भारतवर्ष में कपूर का उपयोग पहले से ही बहुत चीजों में होता आ रहा है। कपूर में शीतल गुड पाए जाते है। कपूर मर एंटी इचिंग गुड़ होता है जिससे खुजली दूर हो जाती है। एक चम्मच नारियल तेल में कपूर को अच्छी तरह मिला ले। फिर इस पेस्ट को बवासीर वाली जगह पर लगाए। इससे सूजन में कमी आएगी और जलन में भी कमी होती है।
बबासीर में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
QUES: बवासीर के मस्से सुखाने के लिए क्या करें?
बवासीर के मस्से को सूखने के लिए आप नमन तरीके अपना सकते है-
- आलू से मसाज
- अमरूद का उपयोग
- तुलसी का उपयोग
- मूली का रस
- लहसुन का उपयोग
QUES: बवासीर का जड़ से इलाज ( piles ka jad se ilaj )
देशी घी शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। इसके साथ ही यह बवासीर से भी छुटकारा दिला सकता है। बस आप 1 चमच्च घी में चुटकी भर हल्दी डाले और दोनों को अच्छी तरह मिला ले। फिर इस पेस्ट को बवासीर वाली जगह पर लगाए। इससे आपको रहत भी मिलेगी और बवासीर भी ठीक होगी।
QUES: बवासीर को जड़ से खत्म कैसे करें in Hindi?
- अपने खान-पान को सही करे।
- कब्ज की समस्या को दूर करे।
- भरपूर मात्रा में पानी पिए कम से कम 7-8 गिलास।
- रोजाना एक्सरसाइज करे और साथ में योगा भी।
- अगर समस्या ज्यादा गंभीर है तो अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करे।
QUES: बवासीर के मस्से हटाने की क्रीम कौन सी है?
बवासीर के मस्से हटाने की क्रीम का नाम शील्ड रेक्टल मरहम है। अगर बवासीर से पीड़ित है तो इस क्रीम का उपयोग कर सकते है। ये क्रीम एलेंटोइन नामक एक केमिकल कंपाउंड के कारण त्वचा की परेशानी को कम करती है।
QUES: बवासीर की सर्जरी में कितना खर्च आता है?
बवासीर की सर्जरी तीन प्रकार से होती है।
- 1. लेजर सर्जरी – इसका खर्च 30,000 से 50,000 रुपये के बीच हो सकता है।
- 2. ओपन सर्जरी– इसका खर्च 20,000 से 30,000 रुपये के बीच हो सकाता है।
- 3. स्टेपलर सर्जरी– इसका खर्च 40,000 से 60,000 रुपये के बीच हो सकता है।
QUES: खूनी बवासीर में क्या परहेज करना चाहिए?
अगर किसी को खूनी बवासीर की समस्या है तो उसको सबसे पहले पाने खान-पान पर जरूर ध्यान देना चाहिए। तला भुना और मसालेदार खाने से उचित दूरी बनाये। रोजाना 8-10 गिलास पानी का सेवन जरूर करे।
QUES: क्या बिना सर्जरी के बवासीर ठीक हो सकता है?
हाँ, बवासीर बिना सर्जरी के भी सही हो सकता है। बस ये जानने की जरुरत है की बवासीर ज्यादा गंभीर स्थिति में है या कम। अगर कम गंभीर स्थिति है तो घर पर ही कुछ घरेलु उपाए से इलाज कर सकते है। लेकिन अगर ज्यादा गंभीर स्थिति है तो अपने डॉक्टर से संपर्क जल्दी से जल्दी करे।
QUES: बवासीर पीड़ित व्यक्ति को सर्जरी की जरूरत कब पड़ती है?
जब व्यक्ति को बवासीर से ज्यादा ही दिक्कत होने लगे तब डॉक्टर सर्जरी कराने की सलाह देते है। जब व्यक्ति को खूनी बवासीर हो जाती है तब व्यक्ति का खून कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में सर्जरी कराना बहुत ही आश्यक हो जाता है।
QUES: दही से बवासीर का इलाज क्या है?
दोस्तों दही में ऐसे बैक्टीरिया पाए जाते है जिनसे कब्ज की समस्या दूर होती है। जो लोग दही का सेवन करते है उनका पाचन अच्छा रहता है और बवासीर की समस्या में राहत मिलती है।
QUES: बबासीर क्यों होता है?
दोस्तों जिनका पेट अक्सर खराब रहता है तो ऐसे लोगो को कब्ज की समस्या ज्यादा रहने लग जाती है। अगर यही कब्ज बहुत दिनों तक रहती है तो बवासीर होने के चांसेस ज्यादा हो जाते है।