ठीक करे डेंगू का बुखार dengue ke lakshan डेंगू के लक्षण (4 Important Tips)

डेंगू का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते है, और घबराये क्यों ही ना। क्योकि कभी कभी ये इतना खतरनाक रूप धारण कर लेता है की इससे मृत्यु भी हो जाती है। यह एक गंभीर बीमारी है इसलिए dengue ke lakshan को हलके में नहीं लेना चाहिए, इससे सावधान रहना बहुत जरूरी है। हम आपको इस पूरे लेख में डेंगू से सम्बंधित हर जानकारी देंगे ताकि आप इस बीमारी से दूर रह सको और अपने आस-पास का माहौल भी सुरक्षित रख सको।

dengue ke lakshan
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डेंगू बुखार कैसे फैलता है:

डेंगू एक मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है। अगर किसी को डेंगू है और जब कोई ADG मच्छर उसका खून चूसता है तो खून के साथ डेंगू वायरस भी उसके अंदर चला जाता है। फिर वही मच्छर किसी और का खून चूसता है तो उस व्यक्ति में भी डेंगू वायरस प्रवेश कर जाता है। ऐसे शुरुआत होती है डेंगू वायरस के फैलने की। शुरुआत में ऐसा कोई लक्षण एहसास नहीं होता की किसी भी व्यक्ति को डेंगू हो गया है।

डेंगू को विकसित होने में कम से कम 2 सप्ताह का समय लग जाता है। लेकिन डेंगू होने पर शरीर में कुछ ऐसे शुरुआती लक्षण होते है जिन्हे आप भी समझकर अपनी सावधानी बरत सकते है और अपने आप को ठीक कर सकते है।

डेंगू के लक्षण dengue ke lakshan :

डेंगू  एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या डिजीज है। वैसे तो इसके लक्षण दिखाई देने में 2 हफ्तों का समय लग सकता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार (104° F) के अलावा नीचे दिए गए लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • अचानक से तेज बुखार होना
  • ठंड लगना या ठण्ड का एहसास होना
  • मांसपेसियों और जोड़ो में दर्द
  • भूख ना लगना
  • उल्टी या मतली आना
  • त्वचा में लाल चकत्ते होना
  • सिर में अधिक दर्द होना
  • आंतों में दर्द या पेट दर्द होना
  • सूखी खांसी आना
  • जुखाम बंद ना होना
  • नाक से खून आना
  • थकान और कमजोरी का अनुभव
  • आंखों के पीछे लाल रंग का दबाव
  • हृदय की धड़कन तेज बढ़ जाना

ऊपर दिए हुए किसी भी लक्षण से यदि आप पीड़ित है तो आपको तुरंत चिकित्सा उपचार की जरूरत होती है। अधिक गंभीर मामलों में तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराने की जरूरत होती है वरना पीड़ित की जान भी जा सकती है। इसके अलावा, डेंगू के शुरूआती लक्षण होने पर नीचे दिए गए आयुर्वेदिक उपाय भी डेंगू बुखार के इलाज में मददगार साबित हो सकते हैं।

डेंगू के आयुर्वेदिक उपाय:

अगर आपके आस-पास डेंगू बुखार का प्रकोप चल रहा है और आपको ऊपर दिए किसी भी प्रकार का लक्षण महसूस हो रहा है तो आपके लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाए बताये है जिनको अपनाकर आप डेंगू के बुखार से बच सकते है।

पपीते का रस:

पपीते के रस में विटामिन और मिनरल्स एंजाइम पाए जाते है जो खून में पाए जाने वाले प्लेटलेट्स को बढ़ावा देते हैं। इसमें विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है जो डेंगू से ग्रस्त शरीर के लिए लड़ने में बहुत लाभकारी होते हैं। आप पपीते के छिलके को हटाकर उसे ब्लेंडर में पीस सकते हैं या फिर पपीते को छोटे टुकड़ों में काटकर इसका रस निकाल सकते हैं।

गिलोय:

गिलोय शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। गिलोय में बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो डेंगू जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। आप एक गिलोय के पत्ते को पानी में अच्छे से उबाल ले इस पानी को ठंडा करके पी सकते है। गिलोय के पत्तों को पीस कर उन्हें दूध में मिलाकर पीने से आपको लाभ मिल सकता है।

तुलसी:

तुलसी एक औषधीय पौधा होता है। तुलसी की पत्तियों में विटामिन और खनिज तत्व अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं। इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटीवायरल गुण होते हैं जो इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं। तुलसी में मुख्य रूप से विटामिन सी, कैल्शियम, जिंक और आयरन आदि पाए जाते हैं। तुलसी के 10 -15 पत्तों को दिन में दो बार चबाकर खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

नीम:

नीम प्राकृतिक एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर है। इसमें जड़ीबूटी के गुण भी हैं जो बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करते है। नीम से रक्त भी शुद्ध होता है। नीम का उपयोग आंतों के कीड़े, पेट की ख़राबी या भूख न लगना आदि बीमारियों में होता है। यह एक अन्य उपयोगी वनस्पति है, जो डेंगू के इलाज में मदद कर सकती है। नीम के पत्तों को पीस कर उन्हें पानी में उबालें और इस पानी को पी सकते हैं।

अदरक:

अदरक बैक्टीरियल और फंगल संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। इसमें एंटीइन्फ्लामेट्री गुड पाया जाता है जो सूजन को कम करता है। अदरक डेंगू के इलाज के लिए भी कारगर उपाय है। अदरक, दालचीनी और इलाइची से बनी हर्बल चाय डेंगू में लाभदायक हो सकती है।

डेंगू में क्या खाना चाहिए:

डेंगू बुखार के दौरान आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है जिससे शरीर टूट सा जाता है। इसलिए, डेंगू में सही आहार लेना भी बहुत जरूरी होता है ताकि आपका शरीर डेंगू बुखार से लड़ने में सक्षम हो। डेंगू में खाने की वस्तुओं का चयन सावधानीपूर्वक करना चाहिए जैसे –

  • आपको विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने चाहिए। जैसे कि संतरा, मौसंबी, अमरूद, अनानस, नींबू, आम और स्ट्रॉबेरी आदि। ।
  • आपको प्रोटीन और फाइबर समृद्ध आहार खाना चाहिए। जैसे दाल, सब्जी, फल, रोटी, शिमला मिर्च, ब्रोकोलीआदि।
  • पौष्टिक शरबत भी ले सकते है। जैसे नारियल पानी, लौकी का जूस, पुदीने का शरबत, चकुंदर का जूस आदि ।
  • आपको ताजा फल और सब्जियां खानी चाहिए। जैसे कि आम, कीवी, संतरा, अनार, ग्रेपफ्रूट, पपीता, टमाटर, ककड़ी और तोरी, धनिया ।
  • जीरा और धनिया डेंगू मरीजों के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। इन्हें दही या सलाद में मिलाकर खा सकते है।
  • आपको ज्यादा पानी पीना चाहिए।जैसे नारियल पानी पिए , लस्सी, खजूर का पानी, शरबत, आदि का सेवन करना उचित होता है।
  • डेंगू होने पर आपको फ्रिज की ठंडी चीजों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। बासी और ठंडा खाने में बैक्टीरिया आ जाने के कारण खाना इंफेक्टेड हो सकता है। इसलिए ताजी वस्तुओ का ही सेवन करे।
  • डेंगू होने पर मसालेदार खाने से बिलकुल दूर रहना चाहिए। यह पेट में एसिड पैदा कर सकता है और अल्सर की दिक्कत बड़ा सकता है। इसकी वजह से शरीर को दो बीमारियों से लड़ना पड़ता है जिससे डेंगू से ठीक होने में काफी समय लग जाता है।
  • डेंगू होने पर कैफीन युक्त ड्रिंक्स से दूर रहना चाहिए। इससे थकान और मश्पेसियो में दर्द की दिक्कत हो सकती है।
  • प्रोटीन युक्त डाइट का सेवन जरूर करे।

डेंगू में शरीर के विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें और उनकी सुझावों का पालन करें।

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डेंगू से बचाव:

डेंगू एक खतरनाक बिमारी है जो मच्छर के काटने से फैलती है। यह बीमारी आमतौर पर मौसम बदलने के समय जैसे गर्मियों और मानसून के समय में अधिक होती है। अगर डेंगू का मच्छर काट ले तो डेंगू के साथ मलेरिया और टाइफाइएड होने के चांसेस भी बढ़ जाते है। इसलिए इससे बचना बहुत जरुरी है।

ठहरे हुए पानी के पास ना जाये:

अक्सर बरसात के मौसम में जगह जगह पानी ठहर जाता है। इसी ठहरे हुए पानी में मच्छरों का विकास होता है। इसलिए ठहरे हुए पानी के पास आपको बिलकुल भी नहीं जाना चाहिए और न ही आस-पास खड़े होना चाहिए। ध्यान रखे, घर के आस पास भी पानी को जमने ना दे।

मच्छरों से बचें –

अगर डेंगू का खतरा लग रहा है तो आपको मच्छरों से बचाव करना बहुत जरुरी है। इसलिए आप सोते वक्त मच्छरदानी का इस्तेमाल कर सकते है। इसके साथ आप मच्छरनेट का इस्तेमाल भी कर सकते है। जिससे आपको मच्छर काटने के लिए तरसेंगे लेकिन काट नहीं पाएंगे।

साफ़-सफाई रखे-

आपको अपने आस-पास साफ़ सफाई का बहुत ध्यान रखना है। क्योकि मच्छरों का विकास गंदगी में ही होता है। आस-पास साफ़ सफाई रखने से आप डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकते है।

पूरे कपडे पहने:

डेंगू के मच्छर से बचाव के लिए आपको पूरी बांह के कपडे पहने चाहिए। ताकि आपका पूरा शरीर ढका रहे और आपको मच्छर न काट पाए और पूरी तरह से आपका बचाव भी हो सके।

यदि आपके घर में किसी एक व्यक्ति को भी डेंगू बुखार हो जाता है, तो आपको मच्छरों से खुद को और परिवार के अन्य सदस्यों को बचाने के प्रयास करने चाहिए। क्योकि ऐसी बहुत सम्भावना होती है कि परिवार के अन्य सदस्य को भी डेंगू हो सकता है या फ़ैल सकता है। क्योकि सक्रमित व्यक्ति को काटने वाले मच्छर आपके घर में दूसरों व्यक्ति को भी संक्रमण फैला सकते हैं।

डेंगू के जोखिम कारक:

डेंगू के कुछ जोखिम भरे करक हो सकते है जिनको जानकर आप अपना बचाव कर सकते है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना:

जिन लोगो की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उनमे शरीर में कोई भी बीमारी जल्दी प्रवेश करती है। खासतौर से बुजुर्ग लोगो में डेंगू फैलने की सम्भावना ज्यादा होती है।क्योकि वृद्धावस्था में इम्युनिटी काफी कमजोर हो जाती है। जिससे कोई भी रोग आसानी से इनके शरीर में प्रवेश कर जाता है।

डेंगू पीड़ित क्षेत्र में रहना:

डेंगू वायरस वैसे तो कही भी आ सकता है। लेकिन जहाँ डेंगू वायरस का प्रकोप ज्यादा है (जैसे की उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में) और आप उस छेत्र में रहते है तो आप भी डेंगू वायरस के संक्रमण में आ सकते है।

लो प्लेटलेट काउंट:

अगर प्लेटलेट की संख्या में कमी हो जाए, तो ब्लड के थक्के नहीं बनते हैं, और यह बहुत ही गंभीर स्थिति हो सकती है। जिन लोगो की प्लेटलेट काउंट की संख्या कम होती है वो लोग भी डेंगू वायरस के बहुत जल्दी शिकार हो जाते है।

यात्रा के दौरान:

यह वायरस उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सबसे अधिक पाया जाता है। जैसे की दक्षिण पूर्व एशिया ,पश्चिम प्रशांत द्वीप समूह ,लैटिन अमेरिका और अफ्रीका आदि। यदि आप उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में रहते हैं या यात्रा करते हैं तो आपको डेंगू बुखार का गंभीर रूप से विकसित होने का अधिक जोखिम है।

क्या डेंगू मलेरिया से ज्यादा खतरनाक है:

डेंगू और मलेरिया दोनों ही मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां हैं। मलेरिया प्लास्मोडियम के कारण होने वाली एक परजीवी बीमारी है, और यह संक्रमित मच्छरों के माध्यम से फैलता है, जबकि डेंगू और चिकनगुनिया दोनों कीट-जनित वायरल रोग हैं। मलेरिया के लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के 8-25 दिन बाद दिखाई देते हैं। अगर दोनों बीमारियों पर ध्यान न दिया जाए तो दोनों ही खरनाक साबित हो सकती है, यहाँ तक की जान भी जा सकती है।

दोनों बीमारियों से बचाव के लिए नियमित रूप से मच्छरों से बचना चाहिए। डेंगू और मलेरिया दोनों के लिए उपचार भी उपलब्ध हैं। इसलिए कोई भी व्यक्ति दोनों में से किसी भी बीमारी से पीड़ित होते है तो उन्हें आपको अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए और उनके निर्देषानुसार बातो का पालन करना चाहिए।

डेंगू बुखार का इलाज कैसे किया जाता है:

डेंगू मच्छर के द्वारा फैलने वाला रोग है। वैसे तो डेंगू बुखार का इलाज उसके लक्षणों के आधार पर किया जाता है। डेंगू बुखार से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इस रोग में मरीज जितना ज्यादा पानी पियेगा या जितनी ज्यादा लिक्विड डाइट लेगा उतना ही अच्छा होगा। डेंगू बुखार में अधिकतर मामलों में बुखार, थकान और दर्द होता है, जिससे व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है। कुछ मरीजों की तो डेंगू की वजह से मौत भी हो जाती है।

इसलिए इसका समय पर इलाज कराना जरूरी होता है। अगर मरीज को एक या दो दिन बुखार आता है तो उसे ब्लड टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए। और उसके बाद अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।

डेंगू का टेस्ट:

वैसे तो सबसे पहला तरीका खून की जांच होती है। लेकिन यह एक सामान्य तरीका है डेंगू का टेस्ट करवाने के लिए। इसके अलावा डेंगू में मुख्यता दो प्रकार का टेस्ट होता है-

  • वायरोलॉजिकल टेस्ट
  • सीरोलॉजिकल टेस्ट

अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते है। डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर ही आपकी जांच करे आपकी सहायता करेंगे।

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डेंगू से संभंधित पूछे जाने वाले प्रश्न:

QUES: डेंगू मच्छर कहां पैदा होता है?

डेंगू मच्छर गर्म और नम जगहों पर होता है। ये मच्छर जमे हुए पानी में अपने अंडे देते हैं। जैसे गमलो में भरा हुआ पानी, बर्तन या घडो में भरा हुआ पानी, पेड़-पौधों की झाड़ियों में, खुले नालों और नदियों के किनारों- पुल, झील, तालाब, खाई आदि खुली जगह पर ये मच्छर होते है। इसलिए बारिश के मौसम में कभी भी ऐसी जगह पर नहीं खड़ा होना चाहिए।

QUES: डेंगू बुखार कितने दिन में ठीक होता है?

डेंगू बुखार लगभग 1-2 हफ्ते में ठीक हो जाता है। लेकिन अगर आपको ठीक होने में 1 हफ्ते से ज्यादा समय लग रहा है तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। ताकि डॉक्टर की देखरेख में आपका उचित इलाज हो सके।

QUES: डेंगू बुखार के बिना हो सकता है क्या ?

हाँ, कुछ लोगों में डेंगू वायरस के संक्रमण के बावजूद बुखार नहीं होता है। लेकिन ऐसे मामलों में इन्फेक्शन का पता नहीं चल पाता है जो लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है।

QUES: क्या डेंगू बुखार संक्रामक है?

हाँ डेंगू बुखार संक्रामक भी हो सकता है। इसे हड्डी तोड़ नामक रोग से भी जाना जाता है। खासतौर से गर्भवती महिला को डेंगू से खतरा ज्यादा होता है। किसी गर्भवती महिला को डेंगू है तो इससे बच्चे में भी डेंगू फैलने के चांसेस होते है।

QUES: क्या डेंगू एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है?

जी हां ,डेंगू के फैलने की प्रक्रिया इसी प्रकार होती है। अगर किसी डेंगू पीड़ित व्यक्ति को मच्छर काटकर के बाद दूसरे किसी व्यक्ति को काट ले तो उसे भी डेंगू हो सकता है।अन्यथा ये बिमारी सीधे किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती ।

QUES: क्या डेंगू छूत का रोग है?

डेंगू छुआछूत की बीमारी नहीं है। डेंगू पीड़ित व्यक्ति को छूने से डेंगू कभी नहीं फैलता। अगर पीड़ित व्यक्ति को मच्छर के काटने के बाद वही मच्छर किसी दूसरे व्यक्ति को काट ले तो वह व्यक्ति भी पीड़ित हो सकता है।

QUES: मच्छर से बचाव कैसे करे?

मच्छर से बचाव के लिए आप सोते समय मच्छरदानी का उपयोग कर सकते है। अन्यथा आप मच्छर रैकेट का इस्तेमाल भी कर सकते है। इससे आपको काफी फायदा मिलेगा और मच्छर से बचाव भी होगा।

QUES: डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए क्या खाएं?

डेंगू होते ही आमतौर पर प्लेटलेट्स काउंट काम हो जाती है। जिससे हमारा पूरा शरीर टूट सा जाता है। कभी कभी ये खतरनाक भी होता है। प्लेटलेट्स बढ़ने के लिए आपको संतरा, पापीती के पत्ते का रस, उबले हुए राजमा, मूंगफली आदि का उपयोग कर सकते है। लेकिन प्लेटलेट्स ज्यादा कम हो गयी है तो तुरंत आपको अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए। इस बारे में आपको लापरवाही बिलकुल भी नहीं करनी चाहिए।

QUES: डेंगू में प्लेटलेट्स कितना होना चाहिए?

मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति के खून में 1.50 से 4.50 लाख प्लेटलेट काउंट होती है। वैसे तो जब कोई भी व्यक्ति डेंगू बुखार के संक्रमण में आता है तो उसकी प्लेटलेट्स काउंट गिर जाती है। और अगर प्लेटलेट्स काउंट 20,000 से काम हो जाए तो ऐसी कंडीशन में प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है।

QUES: डेंगू में सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

डेंगू के लिए अभी तक कोई दवा उपलब्ध नहीं है। इससे पीड़ित व्यक्तो को केवल बुखार कम करने के लिए पैरासिटामॉल दी जाती है। ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लेने की सलाह देते हैं।

QUES: डेंगू मच्छर कितने बजे काटता है?

यह प्रजाति सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद और सूर्यास्त से कई घंटे पहले सबसे अधिक सक्रिय होती है, लेकिन यह अच्छी रोशनी वाले क्षेत्रों में रात में काट सकती है।

QUES: क्या हम एक से अधिक बार डेंगू से संक्रमित हो सकते हैं?

डेंगू वायरस 4 प्रकार के होते हैं। अगर आप एक वायरस से संक्रमित हो गए तो इसका मतलब यह नहीं कि आप इन्फेक्शन के बाकी स्ट्रेन से सुरक्षित हैं। इसका मतलब हैं कि आपको 4 बार डेंगू फीवर हो सकता हैं। जो जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए अपना समय पर इलाज जरूर करवाए।

Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

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