vitamin d ki kami se kaun sa rog hota hai :
हमारे भारत में सूरज की रौशनी तो पूरे साल रहती है, फिर भी भारत में 70% से ज्यादा लोगो में विटामिन डी की कमी हो जाती है।लेकिन ज्यादातर लोग यह सोचते है की हमें धूप तो किसी तरह मिल ही जाती है, तो हमें विटामिन डी की चिंता करने की क्या जरुरत है। बस कुछ लोग यही गड़बड़ करते है। और जब उन्हें विटामिन डी की कमी हो जाती है तो वही लोग गोलियों के सहारे विटामिन डी की कमी को पूरा करते है,जबकि हम विटामिन डी की कमी को बिना गोलियों से भी पूरा कर सकते है , तो आइये इसके कारण जानते है-
विटामिन-डी के लक्षण:
विटामिन-डी की कमी होने पर ऐसे लक्षण दिखाई देते है-
- हड्डिया कमजोर होना
- पीठ में दर्द, इम्युनिटी कम होना
- थकान होना और बेचैनी होना
- बार बार बीमार होना
- घाव ठीक न होना
- बालो का झड़ना
- महिलाओ में पीरियड टाइम पे न होना
- मांसपेसियों में दर्द
- पाचन सम्बंधित समस्या होना
- जोड़ो और मसल्स में कमजोरी होना
- डायबिटीज होना
- चेहरे और हाथों में झुर्रियां पड़ने लग जाना
इन लोगो में विटामिन डी की कमी हो जाती है-
विटामिन डी कि कमी आज के समय में किसी भी उम्र के व्यस्क या व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन कुछ लोगो में विटामिन डी की कमी होना एक आम बात है-
बुजुर्ग लोग:
ज्यादतर बुजुर्ग लोगो में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है क्योकि बुजुर्ग लोग घर से बाहर कम निकलते हैं और धूप कम ले पाते है। इसी वजह से उनकी स्किन विटामिन डी को कम सोख पाती है।
मोटे लोग:
विटामिन डी फैट-घुलनशील होती है, इसलिए बॉडी फैट में स्टोर हो जाती है।जिन लोगों की BMI 30 से ज्यादा होता है या शरीर में फैट की अधिक मात्रा हो जाती है तो उन लोगो को भी विटामिन डी की कमी का सामना करना पड़ता है।
स्तनपान करने वाले शिशु:
अगर स्तनपान कराते हुए बच्चों की मां को विटामिन डी की मात्रा कम है, तो उन बच्चों को भी विटामिन डी की कमी हो सकती है।
सीमित धूप में रहने वाले लोग:
ज्यादातार लोग आज कल ऑफिस में काम करते हैं और घर के अंदर ही रहते हैं या ऑफिस के अंदर ही रहते है। इसी वजह से उनको धूप में बैठने का समय नहीं मिल पाता। ये लोग घर से बहार काम समय बिताते है, जिस कारण इन लोगों में विटामिन डी की कमी ज्यादा पाई जाती है।
अस्वास्थ्य शरीर:
जिन लोगो को आंतो की समस्या है जैसे क्रोहन रोग, अल्सरेटिव कोलाइटिस, जहाँ वसा का सामान्य पाचन भी एक समस्या होती है।
विटामिन डी युक्त भोजन:
जिनको विटामिन डी युक्त भोजन नहीं मिलता, जैसे की शाकाहारी लोग, जो दूध या दूध से बने पदार्थ, मछली, अंडे, या अन्य खाद्य पदार्थ जिनमें विटामिन डी पाया जाता है को नहीं खाते हैं। इन लोगो में विटामिन डी की कमी होना लाजमी है।
विटामिन डी की कमी होने पर कौन सी बीमारी होती है:
विटामिन डी हमारी हड्डियों और दांतों के लिए काफी जरूरी होता है। बच्चों में जब विटामिन डी की कमी होती है तो उस बीमारी को रिकेट्स के नाम से जाना जाता है। वहीं, वयस्कों में विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस, या हड्डियों के पतले होने का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन डी की कमी से कुछ अन्य बीमारिया भी होती है-
- संक्रामक एवं सूजन संबंधी रोग
- ऑस्टियोमलेशिया और ऑस्टियोपोरोसिस
- डायबिटीज
- हाइपोकैल्सीमिया
- हृदय रोग संबंधी बीमारियां
- कैंसर
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विटामिन डी की कमी को पूरा करने के उपाय:
विटामिन डी की कमी दो तरीको से पूरी की जा सकती है-
1. अननेचुरल
2. नेचुरल
अननेचुरल:
अननेचुरल तरीके से विटामिन डी की कमी को हम टेबलेट, पाउडर, कैप्सूल अन्य सप्लीमेंट्स , विटामिन डी कैप्सूल्स इत्यादि तरीको से पूरा करते है।गोलिओ से विटामिन डी को पूरा करना इतना आसान नहीं होता।
नेचुरल:
छोड़ो इन गोलियों को और आइये करते है विटामिन डी की कमी को पूरे नेचुरल तरीके से –
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धूप:
10 मिनट के लिए अपनी नाभि पर और 10 मिनट के लिए अपनी पीठ को जरूर धूप दे। हो सके तो कम कपडे पहने या फिर सफ़ेद कपडे पहने। 15 से 20 मिनट के लिए धूप लेना काफी है। अगर थोड़ा पसीना आ जाये तो समझ जाना चाहिए की धूप ने अपना काम कर दिया है।
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देसी गाय का दूध:
देसी गाय में सूर्यकेतु नाड़ी होती है जो सूरज की किरणों को अवशोषित कर लेती है। विटामिन डी देसी गाय के दूध में अच्छी मात्रा में होता है इसके अंदर प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं तो सेहत को बचा सकते हैं।
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देसी गाय का घी:
देसी गाय के घी में भी विटामिन डी पाया जाता है। आप दो से तीन चम्मच घी रोटी पर या सब्जी में डाल कर खा सकते है।
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मशरुम:
मशरूम हर किसी के लिए एक इम्यूनिटी बूस्टर फूड है। हफ्ते में दो बार मशरुम को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाये। हफ्ते में दो बार खाने से ही आप विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते है।
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मछली:
मछली विटामिन डी को बढ़ाने में बहुत फायदेमंद होती है। मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन बी 12, आयरन, जिंक, आयोडीन जैसे गुण पाए जाते है जो शरीर को कई लाभ पहुंचते है। हफ्ते में एक बार आप मछली का सेवन कर सकते है।
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अंडे की जर्दी:
अंडे की जर्दी में बहुत ही क्वांटिटी में विटामिन डी मिलता है। अगर आपके अंदर विटामिन डी कि कमी है तो आप इसका सेवन कर सकते है और दिन में 1 अंडा खा सकते है।
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दही:
दही पोषक तत्वों का खजाना है। दही में अच्छी मात्रा में कैल्सियम पाया जाता है इसके साथ ही इसमें प्रोटीन, विटामिन B6 और विटामिन B12 और राइबोफ्लेविन जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते है।
यह बात हमारे जेहन में उतर जानी चाहिए की सन लाइट से बढ़ के कोई न्यूट्रेशन नहीं है इस दुनिया में। जो भी एनर्जी हम अपनी बॉडी में महसूस करते है वो किसी न किसी तरीके से हमे सूरज से ही मिल रही है। भारत में हमेशा से हे सूरज को देवता मन जाता है। और आज दुनिया भर में सन हीलिंग पॉपुलर हो रही है। सूरज की किरणों से हम किसी भी बीमारी का इलाज कर सकते है, फिर विटामिन डी क्या चीज है।
जब आप सही तरीके से धुप लेते है तो शरीर सबसे जल्दी विटामिन डी को पूरा करती है। विटामिन डी एक ऐसा पोशक तत्व है जो शरीर में कैल्सियम मैग्निसियम फास्फोरस को आंतो द्वारा अवशोसित करता है यह हमारे शरीर में इम्युनिटी बढ़ाता है और नर्व्स और मसल्स के कंडीशंस को कंट्रोल भी करता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
QUES: विटामिन D कौन से फल में होता है?
- संतरा- संतरा में विटामिन डी पाया जाता है।
- केला- केला में भी विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
- पपीता- पपीता में भी विटामिन डी पाया जाता है और यह पूरे साल भर आपको बाजार में मिलता है।
QUES: कौन सी सब्जी में सबसे अधिक विटामिन डी होता है?
बहुत सी ऐसी सब्जिया होती है जिनमे विटामिन डी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। जैसे कि- गाजर, नींबू, पालक जैसी हरी सब्जिया और ब्रोकली आदि में विटामिन डी उपस्थित होता है।
QUES: विटामिन डी 3 की कमी में क्या नहीं खाए?
खट्टे फल और अचार व चटनी भी विटामिन डी की कमी में सीमित मात्रा में खाने चाहिए। विटामिन डी की कमी हड्डियों को बुरी तरह प्रभावित करती है और हड्डियों के दर्द को बढ़ाती है।
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